नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब (Hijab) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कर्नाटक में हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) अब और भी कॉलेजों (Colleges) में फैल गया है। गुरुवार सुबह राज्य के उडुपी जिले के कुंडापुर के भंडारकर्स कॉलेज (Bhandarkars College) के प्रवेश द्वार पर हिजाब पहनने वाली छात्राओं (Students) को रोक दिया गया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, हिजाब पहने छात्रों को भंडारकर्स कॉलेज में एंट्री करने से रोक दिया गया। वीडियो में कॉलेज की कुछ महिला छात्राओं और मैनेजमेंट के बीच बहस होते भी देखा जा सकता है।
एंट्री नहीं देने पर मैनेजमेंट ने छात्रों से कहा कि, शासन के आदेश और कॉलेज के दिशा-निर्देशों के अनुसार उन्हें कक्षाओं में यूनिफॉर्म में आना होगा। छात्राओं का तर्क था कि, वे लंबे समय से हिजाब में कॉलेज आ रही हैं और उन्हें अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन उन्हें कॉलेज में प्रवेश से इनकार कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को भंडारकर्स कॉलेज के प्रशासन ने भी भगवा शॉल में कक्षाओं में आने वाले छात्रों को अनुमति देने से इनकार कर दिया। छात्रों के इन समूहों को भी प्रवेश द्वार पर रोक दिया गया। छात्रों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए जिसके बाद परिसर में तनावपूर्ण स्थिति बन गई।
#WATCH | Udupi Hijab row, Karnataka: Students wearing hijab being denied entry at Bhandarkars’ College Kundapura pic.twitter.com/JNOqk3LeIx
— ANI (@ANI) February 3, 2022
रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि, राज्य में हिजाब विवाद के पीछे सांप्रदायिक ताकतों की जांच करने के लिए पुलिस विभाग को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “जांच चल रही है। हम इस देश की एकता में आड़े आने वाले तत्वों को नहीं बख्शेंगे।” उन्होंने कहा कि, नकाब, बुर्का, हिजाब, भगवा या हरी शॉल कक्षाओं में ले जाने की अनुमति नहीं है। शिक्षा मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि यूनिफॉर्म अनिवार्य है। शैक्षणिक वातावरण में कोई विभाजनकारी कारक नहीं होना चाहिए। धार्मिक प्रथाओं के लिए मस्जिद, चर्च और मंदिर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उडुपी के जिला प्रभारी मंत्री एस अंगारा ने भंडारकर कॉलेज की घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, उन्होंने अभी-अभी जिले का प्रभार संभाला है। उन्होंने कहा, “सभी स्कूलों और कॉलेजों के लिए एक नियम होगा। मैं इस मामले पर जिला आयुक्त से चर्चा करूंगा। इस मामले पर शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जाएगी। विवरण मिलते ही मैं कार्रवाई करूंगा।”
बता दें कि, हिजाब विवाद जो इससे पहले उडुपी के एक कॉलेज तक ही सीमित था वह अब कर्नाटक के और कॉलेजों में भी फैलता हुआ नज़र आ रहा है। इससे शिक्षा विभाग के साथ-साथ माता-पिता और छात्र समुदाय में चिंता पैदा हो गई है। मामला सांप्रदायिक मोड़ भी ले रहा है जिससे राज्य के शैक्षणिक माहौल पर भारी असर पड़ सकता है।