महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित किया, पूरी दुनिया को चौंकाया

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    नई दिल्ली: दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग जिनका आज  80 वां जन्मदिन है। उनका जन्म आज ही के दिन 8  जनवरी 1942 में हुआ था। उन्हें मोटर न्यूरॉन नाम की बीमारी थी। वह  21 साल की उम्र में ही इस भयानक बीमारी की चपेट में आ गए थे। इस बीमारी से मनुष्य का नर्वस सिस्टम धीरे-धीरे खत्म हो जाता है और शरीर के मूवमेंट करने और कम्यूनिकेशन पावर समाप्त हो जाती है।  डॉक्टरों ने यह भी कहा था कि वो दो साल से ज्यादा नहीं जी पाएंगे। लेकिन 50 से ज्यादा साल जीने के दौरान हॉकिंग ने अपने डॉक्टरों की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया था। बता दें कि, स्टीफन हॉकिंग के दिमाग को छोड़कर उनके शरीर का कोई भी भाग काम नहीं करता था। शारीरिक अक्षमता के बावजूद दुनिया के सबसे बड़े वैज्ञानिकों में थे।

    जन्मदिन के मौके पर आइये जानते है स्टीफन हॉकिंग के कुछ महत्वपूर्ण शोध 

    सिंगुलैरिटी का सिद्धांत (Theory of Singularity)

    इस शोध के दौरान स्टीफन हॉकिंग को पता चला कि बिग-बैंग दरअसल ब्लैक होल का उल्टा पतन ही है।  उन्होंने पेनरोज के साथ मिलकर 1970 में एक शोधपत्र प्रकाशित किया। हॉकिंग ने दर्शाया कि सामान्य सापेक्षता का अर्थ ये है कि ब्रह्मांड ब्लैक होल के केंद्र (सिंगुलैरिटी) से ही शुरू हुआ होगा। इस सिद्धांत को पुरे ब्रह्मांड के लिए इस्तेमाल किया गया और बताया की गुरुत्वाकर्षण सिंगुलैरिटी पैदा करता है। हाकिंग ने यह भी बताया कि आइंस्टीन के सिद्धांत ने सिंगुलैरिटी की जो भविष्यवाणी की थी वह महाविस्फोट का सिद्धांत (Big Bang Theory) ही था। 

      ब्लैक होल का सिद्धांत (Laws of Black hole mechanics ) 

    यह सिद्धांत स्टीफन हॉकिंग के महत्वपूर्ण सिद्धांतों में से एक है। उनके पहले सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल का कुल सतह क्षेत्र कभी भी छोटा नहीं होगा। इस सिद्धांत Hawking area theorem के रूप में भी जाना जाता है। वहीं एक अन्य सिद्धांत के अनुसार ब्लैक होल गर्म होता है। लेकिन यह शास्त्रीय भौतिकी का एक विरोधाभास है जिसमें कहा गया है कि ब्लैक होल से गर्मी का विकीर्ण नहीं होता हैं। 

    हॉकिंग का एक और ब्लैक होल का सिद्धांत है “no hair” theorem, इसमें कहा गया है कि ब्लैक होल में विशेषताएं हो सकती है। ब्लैक होल विकिरण का उत्सर्जन करता है, जो तब तक जारी रख सकते हैं जब तक कि वे अपनी ऊर्जा को समाप्त नहीं करते और वाष्पन करते हैं। इसे हॉकिंग विकिरण भी कहा जाता है। उल्लेखनीय है कि, हॉकिंग को जनवरी 1971 में उनके “ब्लैक होल्स” नामक अपने निबंध के लिए प्रतिष्ठित ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन पुरस्कार मिला था।   

    कॉस्मिक इन्फ्लेशन थ्योरी (Cosmic Inflation Theory) 

    यह सिद्धांत साल 1980 में एलन गुथ (Alan Guth) द्वारा दिया गया था और वह था कि भौतिक कोस्मोलोजी में, कॉस्मिक इन्फ्लेशन वह सिद्धांत है जिसमें ब्रह्मांड महाविस्फोट के बाद शीघ्र ही फैल जाता है। इसके अलावा, हॉकिंग पहले वैज्ञानिक है जिन्होंने क्वांटम में उतार-चढ़ाव (quantum fluctuations) की गणना की है और बताया कि पदार्थ के वितरण में कम बदलाव होता है अर्थात इन्फ्लेशन के दौरान यह ब्रह्मांड में आकाशगंगाओं के प्रसार को जन्म दे सकता है। 

    यूनिवर्स का वेव फ़ंक्शन पर मॉडल 

     स्टीफन हॉकिंग गुरुत्वाकर्षण के एक क्वांटम थ्योरी की स्थापना में रुचि रखते थे, लेकिन जेम्स हार्टले (James Hartle) के साथ उन्होंने 1983 में हार्टले-हॉकिंग स्टेट (Hartle-Hawking state) मॉडल प्रकाशित किया था। हॉकिंग का यह सिद्धांत कहता है कि समय महाविस्फोट (Big Bang) से पहले मौजूद नहीं था। इसलिए ब्रह्मांड की शुरुआत की अवधारणा अर्थहीन है।  ब्रह्मांड में समय या स्थान में कोई प्रारंभिक सीमा नहीं होती है। 

    बुक: ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम (A Brief History of Time)

    वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने  ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’  किताब में उन्होंने ब्रह्माण्ड कोस्मोलोजी जैसे कि महाविस्फोट का सिद्धांत (Big Bang Theory) और ब्लैक होल के बारे में लिखा है। इस पुस्तक का पहला संस्करण 1988 में प्रकाशित हुआ था। यह किताब लगातार 237 सप्ताह तक संडे टाइम्स का बेस्ट सेलर रही थी। जिस वजह से इस बुक को ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस’ में शामिल किया गया।  इस पुस्तक की एक करोड़ प्रति बिकी और 40 अलग-अलग भाषाओं में इसका अनुवाद हुआ है। 

     टॉप-डाउन थ्योरी 

    थॉमस हर्टोग (Thomas Hertog) के साथ मिलकर स्टीफन हॉकिंग ने  2006 में एक सिद्धांत “top-down cosmology” को प्रस्तावित किया।  जिसमें कहा गया है कि ब्रह्मांड में एक अनूठी प्रारंभिक अवस्था नहीं थी, लेकिन कई संभावित प्रारंभिक स्थितियों की अति पवित्रता शामिल थी। इस सिद्धांत को लेकर हॉकिंग का कहना है कि, ब्रह्मांड में गुरुत्वाकर्षण जैसी शक्ति है इसलिए वह नई रचनाएँ कर सकता है उसके लिए उसे ईश्वर जैसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता नहीं है। 

     

    निधन 

    दुनिया के महान वैज्ञानिकों में से एक स्टीफन हॉकिंग अपने नए सिद्धांत को लेकर हमेशा चर्चा में रहे। 21 साल की उम्र से बीमारी से पीड़ित हॉकिंग ने शारीरिक अक्षमता के बावजूद कई बड़े शोध किए। ऐसे एक सफल वैज्ञानिक का 14 मार्च 2018 को 76 साल की उम्र में निधन हुआ।