नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या (Vijay Mallya) को जिस मामले में दोषी ठहराया गया है, उस पर अंतिम सुनवाई 18 जनवरी 2022 को होगी। कोर्ट ने कहा कि अब और माल्या के प्रत्यर्पण का इंतजार नहीं कर सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विजय माल्या के खिलाफ अवमानना के इस मामले का किसी न किसी तरह निपटारा करना ही होगा। अब इस प्रक्रिया को समाप्त हो जाना चाहिए।
Supreme Court posts for Jan 18, 2022, the hearing on quantum of punishment of fugitive businessman Vijay Mallya in contempt of case in which he was held guilty. Supreme Court says it cannot wait for the extradition of Vijay Mallya to India any longer
— ANI (@ANI) November 30, 2021
बता दें कि अदालत ने वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता को न्यायमित्र के तौर पर मदद करने का अनुरोध किया है। अदालत ने यह भी कहा है कि माल्या अभिवेदन बढ़ने के लिए स्वतंत्र है। अगर वह मौजूद नहीं है तो तो उनके वकील बहस कर सकते है।
हमेशा के लिए नहीं कर सकते माल्या का इंतजार
अदालत ने यह भी कहा है कि हमेशा के लिए विजय माल्या का इंतजार नहीं कर सकते। बता दें कि विजय माल्या को कोर्ट ने अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। लेकिन वह हाजिर है हुए थे। वहीं अदालत ने इसी मामले पर 2017 में के फैसले पर उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी।
हेराफेरी और धनशोधन के मामले में वांछित
गौरतलब है कि माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गए । वह भारत में 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज की हेराफेरी और धनशोधन के मामले में वांछित हैं। यह कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस को कई बैंकों ने दिए थे। कारोबारी 65 साल के माल्या ब्रिटेन में फिलहाल जमानत पर हैं। ऐसा समझा जाता है कि प्रत्यर्पण प्रक्रिया से जुड़े एक अलग मामले में देश में शरण देने के मुद्दे पर गोपनीय कानूनी कार्रवाई का समाधान होने तक वह जमानत पर रह सकते हैं।