VIKRANT
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    नई दिल्ली/कोच्चि. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार, आज यानी 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के केरल दौरेके आखिरी दिन ,कोच्चि से भारत में ही निर्मित स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत IAC विक्रांत (IAC Vikrant) को नौसेना (Indian Navy) में शामिल करेंगे। 

    प्रधानमंत्री इस अवसर पर औपनिवेशिक अतीत को खत्म करते हुए नए नौसेना ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे।  PM मोदी ने दो सितंबर की तारीख को “रक्षा क्षेत्र में आत्मानिर्भर बनने की दिशा में भारत के प्रयासों के लिए एक ऐतिहासिक दिन” बताया है क्योंकि देश में डिजाइन और निर्मित किए गए पहले विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत को सेवा में शामिल किया जाएगा।  

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, एर्नाकुलम के सांसद हिबी ईडन, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरी कुमार और नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) के शीर्ष अधिकारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। 

    गौरतलब है कि, इसे मेक इन इंडिया (Make In India) के तहत बनाया गया है। इसके साथ ही यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है। वहीं भारत से पहले सिर्फ पांच और देशों ने 40 हजार टन से अधिक वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) बनाया है। IAC विक्रांत का वजन 45 हजार टन है।

    दुनिया के ख़ास देशों में शामिल होगा भारत 

    पता हो कि, IAC विक्रांत का सेवा में आना रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कदम होगा। विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के उस समूह में शामिल हो जाएगा जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और एक विमान वाहक बनाने की क्षमता है।

    IAC विक्रांत  की खासियतें 

    • IAC विक्रांत में अल्‍ट्रा-मॉडर्न मेडिकल फैसिलिटीज के साथ पूरा मेडिकल कैंपस मौजूद है। 
    • इसमें प्रमुख मॉड्यूलर ओटी (ऑपरेशन थिएटर), आपातकालीन मॉड्यूलर ओटी, फिजियोथेरेपी क्लिनिक, आईसीयू, प्रयोगशालाएं, सीटी स्कैनर, एक्स-रे मशीन, दंत चिकित्सा परिसर, आइसोलेशन वार्ड और टेलीमेडिसिन सुविधाएं आदि शामिल हैं।
    • यह स्वदेश निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (ALH) और हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के अलावा मिग-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31 और एमएच-60 आर बहु-भूमिका वाले हेलीकॉप्टरों सहित 30 विमानों से युक्त एयर विंग को संचालित करने में सक्षम होगा।
    • IAC विक्रांत पर अत्याधुनिक किचेन जो दिन भर में 5000 थाली तैयार कर सकती है।
    • इस युद्धपोत पर किसी भी समय 1500 से 1700 नौसैनिक तैनात रहेंगे।

    IAC विक्रांत कर देगा दुश्मनों को नेस्तेनाबुत 

    • IAC विक्रांत का डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है। 
    • यह अपने ऊपर 30 से 35 विमान ढो सकता है। 
    • लंबाई 860 फीट और चौड़ाई 203 फीट है। कुल क्षेत्रफल 2।5 एकड़ है। 
    • अधिकतम गति 52 KM प्रतिघंटा है। 
    • भाविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात की जा सकती हैं। 
    • इसमें जनरल इलेक्ट्रिक टरबाइन लगे हैं, जो इसे 1।10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं। 
    • इसकी स्ट्राइक रेंज 1500 KM है। लेकिन सेलिंग रेंज 15 हजार किमी है। 
    • एयरक्राफ्ट करियर को बनाने में 76% स्वदेशी सामग्रियों का उपयोग किया गया है।

    ओटोब्रेडा ड्यूल पर्पज कैनन उड़ा देंगे होश 

    • इसमें चार ओटोब्रेडा (Otobreda) 76 mm के ड्यूल पर्पज कैनन लगे हैं। जो रिमोट से चलती है। 
    • यह 76।2 मिलिमीटर कैलिबर की तोप है। 360 डिग्री घूमकर दुश्मन के विमान, हेलिकॉप्टर, फाइटर जेट या युद्धपोत पर फायरिंग कर उन्हें तबाह कर सकती है। 
    • इसकी मारक रेंज 16 से 20 किलोमीटर तक होती है। 
    • IAC विक्रांत पर चार AK 630 CIWS प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी है। जो एक घूमने वाली तोप होती है, जो टारगेट की दिशा में घूमकर फायरिंग करती रहती है। 
    • इसे चलाने के लिए सिर्फ एक आदमी की काफी है। यह 10 हजार राउंड्स/मिनट की दर से घातक फायरिंग करती है।