Trying to bring down logistics cost to 9% of GDP in three years Nitin Gadkari

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नयी दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को कहा कि सरकार माल को एक से दूसरी जगह पहुंचाने पर आने वाली लॉजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद (JDP) के 14-16 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से घटाकर अगले तीन साल में नौ प्रतिशत पर लाने की कोशिश में लगी है।

गडकरी ने उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लॉजिस्टिक लागत को जीडीपी के इकाई अंक में लाने का सीधा असर निर्यात में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘तमाम आकलनों में यह पाया गया है कि भारत में लॉजिस्टिक लागत दहाई अंक में है। सरकार ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और पीएम गति शक्ति पहल शुरू की है। इससे उद्योगों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।”

कुछ महीने पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा था कि लॉजिस्टिक लागत का प्रारूप तय करने के लिए एक कार्यबल गठित किया जाएगा। इसके सदस्यों में नीति आयोग, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय और एनसीएईआर के प्रतिनिधियों के अलावा अकादमिक विशेषज्ञ एवं हितधारक भी शामिल होंगे।

इसके साथ ही गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास रोपवे एवं फ्यूनिक्लर रेलवे (बिजली के तार से जुड़ी रेल) की करीब 260 परियोजनाओं के प्रस्ताव आए हुए हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 1.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने देशभर में 500 बस डिपो की स्थापना के लिए जमीनें चिह्नित की हैं और इनके विकास के लिए उद्योगपतियों से निवेश का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारत को करीब दो लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है। (एजेंसी)