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    नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने मंगलवार को कहा कि पश्चिमी देशों ने कोविड के संकट के दौरान भारत की ओर देखा और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग, प्राकृतिक चिकित्सा तथा अन्य वैकल्पिक पद्धतियों पर भरोसा किया।

    सिंह ने कहा कि अनेक रोगों के सफल प्रबंधन के लिए चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों का सर्वोत्तम समागम महत्वपूर्ण है जहां कोई एक चिकित्सा पद्धति पूरी तरह कारगर नहीं होती। केंद्रीय मंत्री ने यहां जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित ट्रांसमिशन इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी केंद्र का उद्घाटन करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित किया।

    उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने चिकित्सा प्रबंधन की स्वदेशी प्रणालियों पर ध्यान केंद्रित किया है। सिंह ने कहा कि यूनानी पद्धति में हकीमों ने और आयुर्वेद में वैद्यों ने अनेक गंभीर और पुराने रोगों का किफायती और प्रभावी इलाज किया है।(एजेंसी )