What to fear when you fall in love story of Ajit Patil and Suman Devi after article 370 in jammu kashmir

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-प्रीति सोमपुरा

ऐसे तो हिंदी फिल्मों में अक्सर हमने कश्मीर की कली, कश्मीर की वादियां या फिर डल झील में शिकारा तैरती हुई देखी है। लेकिन जब भी कश्मीर की लड़की को कश्मीर  के युवा की बजाय किसी और लड़के से शादी करनी होती थी तो उसे अपने अधिकार छोड़ने पड़ते थे। आज ऐसी ही एक सच्चाई से आपको अवगत कराते हैं। जिसमें धारा 370 इस कपल के लिए ईश्वर का वरदान साबित हुई है। 

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने का जो सबसे बड़ा फायदा मिला है, वो महाराष्ट्र  के एक फौजी युवक अजित पाटिल और कश्मीर की हिन्दू लड़की सुमन देवी को मिला है। अजित पाटिल और सुमन देवी की ये कहानी किसी परी कथा से कम नहीं है। कश्मीर की कली की महाराष्ट्र की बहू बनने की पूरी कहानी आपको भी आश्चर्यचकित किए बिना नहीं रहेगी-धारा 370 हटने के बाद कश्मीर के पहले ‘दामाद’ बने अजित पाटिल को कैसे मिली सुमन देवी, कैसे हुआ दोनों में प्यार और कैसे धारा 370 के कारण दोनों के प्यार में आ रही थी बाधा और फिर कैसे धारा 370 के हटते ही दोनों शादी के बंधन में बांध गए।

महाराष्ट्र  के सातारा जिले के कराड़ तहसील के उंडाले गाँव के रहने वाले अजित प्रहलाद पाटिल। वर्ष 2019 में भारतीय सेना में आर्मी एजुकेशन इंस्ट्रक्टर की पोस्ट पर नौकरी मिलने के बाद पहली पोस्टिंग के रूप में झांसी पहुंचे। झांसी में अजित पाटिल के साथ काम कर रहे एक और कश्मीरी फौजी मित्र के पास कश्मीर की सुमन देवी मेहमान के रूप में कुछ दिन रहने आई। सुमन देवी कश्मीर के किस्त्वाड जिले के जोधानगर तहसील के पलमार गाँव की रहने वाली थी। अजित पाटील का अपने कश्मीरी फौजी मित्र के घर आना जाना था। इस फौजी मित्र ने अजित की मुलाक़ात अपनी बहन सुमन देवी से करवाई।दोनों की आंखे लड़ी और मुलाक़ात हुई। पहली ही मुलाक़ात में  अजित सुमन देवी को पसंद करने लगे। दोनों की मुलाकते बढ़ने लगी। दोनों एक दूसरे को पसंद भी करने लगे। लेकिन इन दोनों के प्यार के बीच धारा 370 सबसे बड़ी बाधा थी। दोनों प्यार तो करने लगे थे। बात 9 अगस्त 2019 के पहले की है। तब टीके अजित पाटिल और सुमन देवी के बीच शादी की कोई बात नहीं हुई थी और न दोनों के परिवार भी इसके पक्ष में  थे। इसी बीच मार्च 2020 में  अजित पाटिल अपने फौजी मित्र के साथ कश्मीर के किस्त्वाड जिले में  एक कार्यक्रम में  शरीक होने गए और तभी कोरोना का लॉकडाउन लग गया। अजित पाटील 1 -2 नहीं बल्कि पूरे 3 महीने कश्मीर में  फंस गए। और इसी तीन महीने में  अजित और सुमन देवी के प्यार की मधुरता बढ़ती चली गई और दोनों ने तय कर लिया की अब उन्हें शादी करनी है।

धीरे धीरे यानी जून 2020 के बाद जब हालात सुधारने लगे तो अजित लौट कर पहले झांसी आए और झांसी में  3 महीने ड्यूटी करने के बाद वो अपने गाँव यानी कराड़  पहुंचे। यहाँ  पहुँचने के बाद अजित ने ये बात अपने परिवार को बताई। पहले तो अजित का परिवार बहुत घबरा गया क्योंकि कश्मीर के हालत ठीक नहीं थे और आए दिन आतंकी हमले की खबरें भी वहां से आती रहती थी। लेकिन जब अजित ने धारा 370 हटने की बात कही और ये कहा कि सरकारी अडचण भी कोई नहीं आएगी तो अजित के  गाँव में  स्वागत के साथ  बहु को लाने का फैसला हुआ पहले शादी कश्मीरी रीति रिवाज से होगी और फिर महाराष्ट्रीयन  रीति रिवाज से।

इसके बाद 27 नवंबर 2020 को अजित और सुमन देवी की पहले कश्मीरी कल्चर से दोनों की किश्तवाद में  शादी हुई। इसके बाद दिसंबर 18 2020 को फिर से कराड़ अजित के गाँव में  महाराष्ट्रीयन रीती रिवाज  से दोनों की शादी हुई। धारा 370 हटने का अजित और सुमन देवी को सबसे पहला और बड़ा फायदा मिला कि दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ पाये। इसके पहले ऐसा नहीं हो पता था क्योंकि भारत के किसी भी नागरिक को किसी कश्मीरी लड़की से विवाह करने की इजाजत कश्मीरी कानून के मुताबिक नहीं मिलती थी। सिर्फ पाकिस्तानी लड़कों को कश्मीरी लड़कियों से शादी की इजाज़त मिल पाती थी।-लेकिन धारा 370 हटने के बाद महाराष्ट्र के अजित वो पहले युवक हैं जिन्हें कश्मीरी लड़की को शादी ब्याह कर महाराष्ट्र ले आने का मौका मिला और वो पहले ऑफिशियल कश्मीरी दामाद बने। फिलहाल दोनों पति पत्नीमहाराष्ट्र के कराड़ में  ही वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं और सुमन को भी मराठी कल्चर खूब पसंद आ रहा है। मराठी सब्जी और दाल सुमन को बहुत अच्छी लग रही है। महाराष्ट्र की हवा, यहा का पानी सुमन को रास आ रहा है। सुमन का कहना है की उनकी इस शादी के बाद और भी कश्मीरी लड़कियों को भारत देश के अलग अलग राज्यों में  जाने का मौका मिलेगा और इससे भारत की संस्कृति भी और मजबूत होगी। सुमन देवी का नाम सतारा कराड़ में आकार सुमन बाई हो गया है और वो कक्षा 12 वीं छात्रा हैं।

भारतीय फौज में  देश सेवा के लिए जुटे अजित का कहना है की उन्हें ये लग रहा है कि मोदी जी ने धारा 370 हटाने का जो काम किया है। वो उन्हीं के लिए किया है।इस धारा के हटने से अब कश्मीर में  भी भारत का कानून चलने लगा और कई भारतीय लड़के उनकी तरह कश्मीरी लड़कियों से शादी करके उन्हें अपने घर ले आ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के उत्थान और संस्कृति को बढ़ाने के लिए बहुत बड़ा काम किया है। अजित का कहना है कि वो आगे कश्मीर में  जमीन लेकर वहां  फलों के बागान की खेती भी करना चाहते हैं।