Rajasthan Day

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    नई दिल्ली. आज राजस्थान का 72वां स्थापना दिवस (Rajasthan Day) मनाया जा रहा है। यह दिवस हर वर्ष 30 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है। यहां की लोक कलाएं, समृद्ध संस्कृति, महल, व्यंजन आदि एक विशिष्ट पहचान रखते हैं। इस दिन कई उत्सव और आयोजन होते हैं जिनमें राजस्थान की अनूठी संस्कृति का दर्शन होता है।

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    सभी प्रदेशवासियों को राजस्थान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। राजस्थान दिवस हम सबके लिए महान गौरव का क्षण है। यह राजस्थान की वीरता, त्याग, विरासत और संस्कृति का उत्सव है। #RajasthanDiwas पर मैं प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। हमारी सरकार हर कदम पर आपके साथ है।

    Ashok Gehlot (@gehlotashok) 30 Mar 2022

    राजस्थान को राजाओं की भूमि के रूप से जाना जाता है। यह राज्य भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 10.4 प्रतिशत कवर करता है। उत्तर-पश्चिमी राज्य में राजपूतों की भूमि है, जिसमें 19 रियासतें 3 ठिकाने- लावा(जयपुर), कुशलगढ़(बांसवाड़ा) व नीमराना(अलवर) तथा एक चीफशिफ अजमेर-मेरवाड़ा थे। राजस्थान को पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था। कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्य बना तथा इसका नाम “राजस्थान” किया गया जिसका शाब्दिक अर्थ है “राजाओं का स्थान” क्योंकि स्वतंत्रता से पूर्व यहां कई राजा-महाराजाओं ने राज किया। 

    राजस्थान की रियासतों को 15 अगस्त 1947 को भारत संघ में मिला दिया गया था, लेकिन उनका एकीकरण एक साल बाद ही हो पाया था। उस समय के राज्य में भरतपुर, अलवर, धौलपुर और करौली जैसी 21 छोटी और बड़ी रियासतें शामिल थीं। 25 मार्च 1948 को बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, झालावाड़, किशनगढ़, प्रतापगढ़, शाहपुरा, टोंक और कोटा जैसे राज्यों के एकीकरण से राजस्थान संघ अस्तित्व में आया। राजस्थान संघ के गठन के तीन दिन बाद ही उदयपुर के महाराणा ने राजस्थान संघ में शामिल होने का फैसला किया। 9 राज्यों के एकीकरण के बाद पं. जवाहरलाल नेहरू ने 18 अप्रैल, 1948 को संघ का उद्घाटन किया।

    राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ। इसकी शुरुआत 18 अप्रैल 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली रियासतों के विलय से हुई।विभिन्न चरणों में रियासतें जुड़ती गईं तथा अंत में 30 मार्च 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों के विलय से “वृहत्तर राजस्थान संघ” बना और इसे ही राजस्थान स्थापना दिवस कहा जाता है। इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल की सक्रिय भूमिका रही।

    इस दिन राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य केंद्र जयपुर होता है। इनमें कैमल टैटू शो, खेलकूद प्रतियोगिताएं, बच्चों के लिए फ़िल्म फेस्टिवल, विभिन्न संभागों की झांकियां एवं नृत्य, भजन, फैशन शो तथा संगीत कॉन्सर्ट का आयोजन शामिल है।