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नई दिल्ली: यूट्यूब (Youtube) ने सोमवार को कहा कि कई बार जांच के बावजूद उसे अपने मंच पर बाल यौन शोषण से संबंधित सामग्री का पता नहीं चला और उसे नियामकों की तरफ से अपने वीडियो स्ट्रीमिंग मंच पर ऐसी सामग्री का सबूत भी नहीं मिला है। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में यूट्यूब, एक्स (पूर्व में ट्विटर) और टेलीग्राम समेत सोशल मीडिया मंचों को नोटिस जारी कर भारत में अपने मंच से बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) को हटाने के लिए कहा था, जिसके जवाब में यूट्यूब का यह बयान आया है। 

यूट्यूब के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘बाल उत्पीड़न से सफलतापूर्वक लड़ने का हमारा एक लंबा इतिहास है। कई बार गहन जांच के बाद भी हमें अपने मंच पर सीएसएएम का पता नहीं चला, न ही हमें नियामकों से यूट्यूब पर सीएसएएम संबंधी उदाहरण या सबूत प्राप्त हुए।”

गूगल के स्वामित्व वाले वीडियो स्ट्रीमिंग मंच ने कहा कि ‘‘यूट्यूब पर नाबालिगों को खतरे में डालने वाली किसी भी प्रकार की सामग्री को साझा करने की अनुमति नहीं है। हम उन टीम और प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश करना जारी रखेंगे जो इस सामग्री का पता लगाएंगी, उसे हटाएंगी और उसके प्रसार को रोकेंगी।”

25 लाख से अधिक वीडियो हटाए 

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम बाल यौन शोषण सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में, यूट्यूब ने बाल सुरक्षा नीति के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 25 लाख से अधिक वीडियो हटाए हैं।

यूट्यूब के अनुसार, भारत में यह सीएसएएम से संबंधित विशिष्ट खोज के लिए परिणामों के शीर्ष पर एक चेतावनी दिखाता है। यह चेतावनी बताती है कि बाल यौन शोषण की तस्वीरें अवैध हैं। सरकार ने छह अक्टूबर को कहा था कि सोशल मीडिया मंचों एक्स (पूर्व में ट्विटर), यूट्यूब और टेलीग्राम को भारत में अपने मंच से बाल यौन शोषण सामग्री को हटाने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। (एजेंसी)