लोगों को पहचानने में खा जाते है धोखा? तो चाणक्य की यह महत्वपूर्ण बातें जरूर पढ़ें

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    नई दिल्ली: कई बार जीवन में ऐसा होता है कि हम किसी शख्स को बहुत अच्छा समझ लेते है, फिर हम उसके साथ दोस्ती या आदि रिश्ते जोड़ लेते है ऐसे में हम भावनिक तोर पर उन्हें समर्पित हो जाते है, तो कई बार हम उनको मदद करने के लिए कभी भी झिज़कते नहीं है, फिर चाहे उन्हें पैसा देना हो या फिर उनके पास प्रत्यक्ष रूप से जाकर उनकी मद्त करना, लेकिन यहीं लोग इनका स्वार्थ निकलते ही हमसे दुर्व्यवहार करते है। 

    या फिर हमारे पीठ पीछे वार करते है, ऐसे में फिर हमें महसूस होता है कि हमें उन्हें समझने में गलती कर दी, वे अच्छे नहीं बल्कि बहुत स्वार्थी और मतलबी है, ऐसा आम तोर पर सबके साथ होता है, इसलिए आज आपको चाणक्य नीति बताने जा रहे है, जो हमारे जीवन को और भी बेहतर बना सकती है, हमें लोगों को पहचानने में मार्गदर्शन कर सकती है। तो आइए जानते है चाणक्य नीति के जरिए कि आखिर लोगों को कैसे पहचाने.. 

    स्वभाव और कर्म 

    चाणक्य नीति के अनुसार, जिनका व्यवहार यानी कि जो मन में दूसरों के प्रति गलत भावना नहीं रखते हो। वे लोग कभी किसी को धोखा नहीं दे सकते। जो लोग दूसरों के लिए गलत सोचते हैं, बता दें कि उनके कर्म भी वैसे ही होते हैं। ऐसे लोग अपने स्वार्थ के लिए किसी के साथ भी छल (character act) कर सकते हैं।  इसलिए लोगों को चुनते वक्त यह बात हमेशा ध्यान रखें। 

    त्याग और समर्पण 

    साथ ही आचार्य चाणक्य के मुताबिक, अगर आपको दोस्त, रिश्तेदार या किसी दूसरे इंसान को परखना है तो, उसमें त्याग की भावना देखें, जो लोग दूसरों के सुख के लिए खुद के सुख का त्याग कर सकते हैं। वो आपको कभी धोखा नहीं देंगे। वहीं जो इंसान दुख के समय आपके साथ न खड़े हो ऐसे लोगों से फौरन दूरी बना लें, क्योंकि अपनों की पहचान संकट के समय (sacrifice) ही होती है। इसलिए अगर कोई अपने स्वभाव में त्याग का समावेश करता है तो वह इंसान आपके लिए सही है। 

    स्पष्ट, मुंह पर बोलने वाले 

    इन दो बातों के अलावा और एक बात है जिसे हमें ध्यान में रखना है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक, लोगों को उनके गुणों के आधार पर परखना चाहिए। साथ ही हमेशा याद रहे कि घमंड और स्वार्थ से भरे हुए इंसान पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग स्पष्टवादी होते हैं, वो भले ही लोगों की नजर में बुरा बन जाए लेकिन, उसका मन काला नहीं होता, वे सरल और साफ रहते है। साफ और स्पष्ट बोलने वाले लोगों के दिल में जो होता है वो वही कहता है। जी हां उसकी बातों में कोई छल-कपट नहीं होता, इसलिए ये लोग चुप्पी साधने वाले लोगों से कई गुना अच्छे होते है। 

    अच्छे होते है ये लोग 

    ऐसे लोग गलत बात नहीं सुन सकते बल्कि, बराबरी से जवाब देते हैं। इसलिए, लोगों के सामने स्पष्ट शब्दों में अपनी बात रखें। अगर वो आपका अपना हुआ तो समझ जाएगा, नहीं तो आपसे मुंह (outspoken) मोड़ लेगा। इस तरह आप  में लोगों की पहचान करें, चाणक्य की यह नीति सबके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। अगर हम इसे अपनाते है जीवन को समझने में हमें और भी आसानी होगी।