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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: औषधीय गुणों से भरपूर ‘हल्दी’ (Turmeric) का सेवन सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, औषधीय गुणों के वजह से इसे विश्व स्तरीय पहचान प्राप्त है। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने के साथ कई तरह के रोगों से शरीर को बचाता है। यही कारण है कि एक्सपर्ट्स हर रोज कुछ मात्रा में इसके सेवन की सलाह देते हैं।

    लेकिन क्या आप जानते हैं कि हल्दी काले रंग की भी होती है। इस हल्दी को मध्य प्रदेश और भारत के पूर्वोत्तर उगाया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Curcuma caesia है।  काली हल्दी भी औषधीय गुणों से भरपूर होती है। आइए जानें काली हल्दी के सेवन से होने वाले फायदे के बारे में –

    एक्सपर्ट्स के अनुसार, सांस संबंधित बीमारियों में काली हल्दी का बहुत फायदेमंद होती है। इसमें एंटी इंफ्लेमेट्री गुण पाया जाता है, जो सर्दी, जुकाम, खांसी, अस्थमा जैसी बीमारियों से राहत दिलाता है। इसके उपयोग आप पीली हल्दी के तरह ही कर सकते हैं।

    काली हल्दी के सेवन से शरीर में होने वाले कई तरह के दर्द कम होते हैं। दांत दर्द, रैशेज, पेट दर्द, ऑस्टियोअर्थराइटिस की समस्या को करती है कम। हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।  

    कई महिलाओं को अपने मासिक धर्म के दौरान बहुत दर्द से गुजरना पड़ता है। ऐसे में काली हल्दी का एंटी इनफ्लेमेट्री गुण राहत पहुंचा सकता है। इसके लिए गरम दूध में काली हल्दी के पाउडर को मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है।

    रिपोर्ट के अनुसार, काली हल्दी एक बेहद ही स्वास्थ्यवर्धक जड़ी-बूटी है। जिसका इस्तेमाल कई औषधीय उपचार में किया जाता है। यह भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया के बाजारों में ताजी या सूखी बेची जाती है। इसमें कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, साथ ही एंटीऑक्सीडेंट भी होता है। दांत दर्द में सबसे ज्यादा काली हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है।

    काली हल्दी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। ये शरीर में कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकता है। इस प्रकार ये आपको कैंसर से दूर रखने में मदद करता है। जानकारों का मानना है कि, माइग्रेन का दर्द असहनीय होता है। इस दौरान सिर के एक हिस्से में बहुत तेज दर्द होता है। इसके लिए आप काली हल्दी को पीसकर लेप बना सकते हैं। इस लेप को माथे पर लगाएं। ये आपको माइग्रेन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।