
नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कैंसर मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है, पर मेडिकल एडवांसमेंट्स से अब इसका इलाज आसान हो गया है. जो पुरानी धारना थी की कैंसर याने मृत्यु, अब बदल रही है. “लोगों को कैंसर से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है”उक्त राय एलेक्सिस हॉस्पिटल के कर्क रोग विशेषज्ञ (मेडिकल ऑकोलॉजिस्ट) डॉ अमोल डोंगरे ने व्यक्त की. उनका मानना है कि नागपुर में इसके इलाज के लिए विश्व की सारी सुविधाएं उपलब्ध है. नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और तंबाकू का सेवन न करने से इस बीमारी से बचा भी जा सकता है.
क्या है कैंसर?
कैंसर तब होता है, जब शरीर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने और विभाजित होने लगती हैं. जब किसी को कैंसर होता है, तो कोशिकाएं अपना काम करना बंद कर देती हैं. पुरानी और क्षतिग्रस्त कोशिकाएं मरने की बजाय जीवित रह जाती हैं और जरूरत नहीं होने के बावजूद भी नई कोशिकाओं का निर्माण होने लगता है. यह अतिरिक्त कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप ट्यूमर बनताहै. अधिकतर कैंसर ट्यूमर्स से होते हैं लेकिन हर ट्यूमर कैंसर नहीं होता है. ब्लड कैंसर में ट्यूमर नहीं होता है. कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में विकसित हो सकता है. आमतौर यह आस-पास के ऊतकों (टिशूज) में फैलता है. असामान्य और क्षतिग्रस्त कैंसर कोशिकाएं शरीर के दूसरे भागों में पहुंचकर नए घातक व मैलिग्नेंट ट्यूमर बनाने लगती हैं. ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, स्किन कैंसर , लंग कैंसर सहित सौ से अधिक प्रकार के कैंसर होते हैं. इन सभी कैंसर के लक्षण और जांच एक-दूसरे से भिन्न होते हैं.
इलाज का विशिष्ट प्रोटोकॉल
डॉ अमोल डोंगरे कहते हैं कि कैंसर का इलाज मुख्य रूप से कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जरी द्वारा किया जाता है. इसके इलाज का एक विशिष्ट प्रोटोकॉल है जो फॉलो करना होता है. खास बात यह है कि नागपुर में और खास कर एलेक्सिस हॉस्पिटल में कैंसर के सारे अत्याधुनिक इलाज एक ही जगह पर संभव है. रेडीएशन 3 DCRT, IMRT, IGRT जैसी अत्याधुनिक तकनीकें भी.रेडिएशन की तरह किमों में भी टारगेटेड और इम्म्यूनोथेरपी आ चुकी है.
कैंसर के लक्षण
सभी कैंसर के लक्षण एक-दूसरे से अलग होते हैं. कैंसर के कुछ सामान्य, लक्षणों में अचानक वजन कम होना, अत्यधिक थकान, गांठ, त्वचा में बदलाव, तेज दर्द, बाउल मूवमेंट और ब्लैडर फंक्शन में बदलाव, लिम्फ नोड्स में सूजन, एनीमिया, आदि है.
कैंसर के कारण
कैंसर क्यों होता है के पीछे कोई ज्ञात कारण नहीं है. हालांकि कुछ कारक कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं. जिनके परिवार में कैंसर होने का इतिहास है, उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए. इससे कैंसर का पता जल्दी चलने से उपचार भी समय रहते शुरू किया जा सकता है. तंबाकू चबाना या सिगरेट पीना, पर्यावरण में कार्सिनोजेन्स का होना, फूड्स और वायरस कुछ प्रमुख कारक हैं जो कैंसर होने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं.
कैंसर के स्टेज
अधिकांश कैंसर में ट्यूमर होता है और इन्हें चार चरणों में विभाजित किया जा सकता है. कैंसर के ये सभी स्टेजेज दर्शाते हैं कि कैंसर कितना गंभीर रूप ले चुका है.
स्टेज- 1
इस स्टेज में ट्यूमर छोटा होता है और कैंसर कोशिकाएं केवल एक क्षेत्र में फैलती हैं.
स्टेज 2-3
इस में ट्यूमर का आकार बड़ा हो जाता है और कैंसर कोशिकाएं पास स्थित अंगों और लिम्फ नोड्स में भी फैलने लगती हैं.
स्टेज -4
यह कैंसर का आखिरी और बेहद खतरनाक स्टेज होता है, जिसे मेटास्टेटिक कैंसर भी कहते हैं. इस स्टेज में कैंसर शरीर के दूसरे अंगों में फैलना शुरू कर देता है.
कैंसर का निदान
डॉ डोंगरे कहते हैं कि शारीरिक लक्षणों और संकेतों को देखते हुए डॉक्टर कैंसर का पता लगाने की कोशिश करते हैं. पेसेंट की मेडिकल हिस्ट्री को देखने के बाद शारीरिक परीक्षण की जाती है. कैंसर की आशंका होने पर एक्स-रे, कंप्यूटेड टोमोग्रैफी, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड और फाइबर-ऑप्टिक एंडोस्कोपी परीक्षणों से गुजरना पड़ सकता है. बायोप्सी के जरिए कैंसर के स्टेज का आसानी से चल जाता है.
कैंसर का इलाज
आमतौर पर कैंसर के उपचार में मुख्य रूप से सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन, हार्मोन थेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट्स शामिल हैं.
सर्जरी
डॉक्टर सर्जरी के जरिए कैंसर के ट्यूमर, ऊतकों, लिम्फ नोड्स या किसी अन्य कैंसर प्रभावित क्षेत्र को हटाने की कोशिश करते हैं. कभी-कभी डॉक्टर बीमारी की गंभीरता का पता लगाने के लिए भी सर्जरी करते हैं. यदि कैंसर शरीर के दूसरे अंगों में नहीं फैला है, तो सर्जरी इलाज का सबसे अच्छा विकल्प है.
कीमोथेरेपी
कीमोथेरेपी को कई चरणों में किया जाता है. इस प्रक्रिया में ड्रग्स के जरिए कैंसर कोशिकाओं को खत्म की जाती है. हालांकि, उपचार का यह तरीका किसी-किसी के लिए काफी कष्टदायक होता है. इसके कई साइड इफेक्ट्सभी नजर आते हैं, जिसमें बालों का झड़ना मुख्य रूप से शामिल है. दवाओं को खाने के साथ ही नसो में इंजेक्शन के जरिए भी पहुंचाया जाता है.
रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन कैंसर कोशिकाओं पर सीधा असर करता है और उन्हें दोबारा बढ़ने से रोकता है. इस प्रक्रिया में, उच्च ऊर्जा कणों या तरंगों का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने की कोशिश की जाती है.
इम्यूनोथेरेपी
इम्यूनोथेरेपी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम बनाती है.
हार्मोन थेरेपी
इस थेरेपी का उपयोग उन कैंसर के उपचार के लिए किया जाता है, जो हार्मोन से प्रभावित होते हैं. हार्मोन थेरेपी से स्तन और प्रोस्टेट कैंसर में काफी हद तक सुधार होता है.