अब फ्लोरोना संक्रमण का नया खतरा, जानिए कितना जानलेवा है यह रोग

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    -सीमा कुमारी

    एक तरफ समूची दुनिया कोरोना के एक नए वैरियंट ओमीक्रॉन  (Omicron) से लड़ने के लिए पूरी सख्ती बरत रही है। वहीं, ओमीक्रॉन के कारण एक नई लहर की संभावना के बीच एक खबर इजराइल से आई है। इज़राइल ने ‘फ्लोरोना’ बीमारी का पहला मामला दर्ज किया है।

    इसे कोरोना वायरस (Coronavirus) और इंफ्लूएंजा (Influenza) का मिलाजुला रूप बताया जा रहा है। इस संक्रमण की जानकारी देते हुए वहां के अखबार में बताया गया है कि फ्लोरोना (Florona) नाम का यह दोहरा संक्रमण है, जो गर्भवती महिलाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है, जो बहुत ही चिंता का विषय बताया जा रहा है।

    यह वायरस उन महिलाओं को हो रहा है, जो अपने बच्चे को जन्म देने के लिए अस्पताल में भर्ती हुई थी। पहले से ही दुनिया में ओमिक्रॉन की दशहत के चलते इस नई बीमारी के आने से कई तरह की आशंकाएं जन्म लेने लगी। आइए जानें आखिर क्या है यह  ‘फ्लोरीना’ बीमारी –

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह ‘फ्लोरोना’ कोई नई बीमारी या नया वेरिएंट नहीं है। बल्कि इसे दोहरा संक्रमण कहा जा रहा है। इसमें मरीज को कोविड-19 वायरस के साथ इंफ्लूएंजा वायरस दोनों का ही संक्रमण एक साथ हो जाता है, जो इसे कोविड-19 से दोगुना खतरनाक बना सकता है। मार्च 2020 में दुनिया में कोविड-19 महामारी के शुरआत के बाद ऐसा संक्रमण पहली बार देखा गया है।

    इंफ्लूएंजा वायरस के संक्रमण में निमोनिया, मायोकार्डिटिस जैसे कई गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं जिनसे कई बार मरीज की मौत भी हो सकती है। कोविड-19 के साथ इसका संक्रमित होना ही दहशत जैसे माहौल बनाने की आशंका पैदा कर रहा है इजराइल के स्वास्थ्य मंत्रालय और सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल ने चेतावनी जारी की है कि ये संक्रमण तेजी से फैल सकता है या फैल रहा है जब पिछले एक हफ्ते से 1800 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है।

    आंकड़ों से पता चलता कि इस दोहरे संक्रमण से बहुत सारे गंभीर लक्षण एक साथ देखे जा सकते है। इन लक्षणों में निमोनिया सहित अन्य श्वसन जटिलताओं के साथ मायोकार्डिटिस भी हो सकता है। इनकी वजह से सही स्वास्थ्य देखरेख ना होने पर मरीज की मौत का जोखिम बहुत बढ़ जाता है।  

    इसमें ध्यान देने वाली यह बात है कि दो वायरस से संक्रमित होने से प्रतिरोधक क्षमता पर बहुत बुरा असर होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे हालात में यह जरूरी हो जाता है कि रोकथाम करने वाले उपायों पर जोर दिया जाए और जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है उन्हें भी जल्द से जल्द वैक्सीन लगवाई जाए। फ्लोरोना में तेजी से फैलने के लक्षण हैं जिससे सभी खतरनाक और लंबी बीमीरियों के मरीजों को अपनी स्थिति पर नजर रखनी चाहिए।

    गौरतलब है कि, जिस महिला में फ्लोरोना के लक्षण मिले हैं उनसे खुद को कोविड वैक्सीन नहीं लगवाई थी। ऐसे में कोविड वैक्सीन को व्यापक रूप से लगवाने की जरूरत बढ़ जाती है। क्योंकि, जिस तेजी से ओमीक्रॉन वायरस फैल रहा है, वह इंफ्लूएंजा का साथ हासिल कर फ्लोरोना कब बन जाए कुछ नहीं कहा जा सकता है।   समय आशंकाएं पालने का नहीं बल्कि सावधानियां बरतने का है।