International Women's Day 2024, Geeta Gopinath
आर्थिक गलियारे की प्रभावशाली महिला (डिजाइन फोटो)

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नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: पैरों में बेड़ियां नहीं हो तो महिलाएं दुनिया के हर कोने पर अपना वर्चस्व बना सकती है क्योंकि हौंसले के साथ जीने वाली महिलाओं में घर-परिवार से लेकर दुनिया में कंधे से कंधा मिलाने की क्षमता होती है। ऐसी ही भारत की प्रभावशाली महिलाओं में से एक IMF की पहली डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर (Deputy Managing Director) गीता गोपीनाथ (Geeta Gopinath) का नाम सामने आता है जिन्होंने बिना किसी परवाह के अपने सपने को साकार कर दुनिया में अपना नाम किया है। आइए जानते हैं उनके इस सफर के बारे में।

कभी आते थे पढ़ाई में कम नंबर

गीता गोपीनाथ भलें ही अमेरिका में रहती है लेकिन उनका नाता भारत से भी है उनका जन्म भारत में ही हुआ है। पढ़ाई के मामले में गीता का दिमाग औसत था जहां पर उन्हें 7वीं तक 45 फीसदी नंबर मिलते थे लेकिन गीता ने हार नहीं मानी और मेहनत करके 90 फीसदी नंबर भी लाए। स्कूलिंग के बाद गीता ने कॉलेज की पढ़ाई के लिए मैसूर के महाराजा पीयू कॉलेज को चुना और विज्ञान (Science)सब्जेक्ट के साथ पढ़ाई की। उनके नंबर इतने अच्छे थे कि, इंजीनियरिंग और मेडिकल को छोड़कर इकनॉमिक्स में बीए (ऑनर्स) के साथ पढ़ाई की। इसके लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज को चुना।

Geeta Gopinath, IMF

                                                                                पीएम मोदी से की मुलाकात (सोशल मीडिया फोटो)

पढ़ाई के दौरान की शादी

गीता का सफर कॉलेज की पढ़ाई से आगे बढ़ रहा था जहां पर उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने 1994 में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के अलावा साल 1996 से 2001 के बीच प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री ली। दिल्ली में पीजी की पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात इकबाल से हुई जहां पर दोस्ती के बाद इन्होंने शादी कर ली आज उनका 18 साल का बेटा राहिल है।

Geeta Gopinath, Womens daY 2024

                                                                          गीता गोपानाथ की फैमिली ( फोटो- सोशल मीडिया)

उनके पति इकबाल सिंह धालीवाल मैसाचुसेटस इंस्टीटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी के अर्थशास्त्र विभाग में पॉवर्टी एक्शन लैब के प्रमुख हैं। उन्होंने अपना कॅरियर आईएएस के रूप में शुरू किया, जिसे बाद में उन्होंने छोड़ दिया। वे यूपीएससी सिविल सर्विसेज 1995 बैच के टॉपर थे। गीता ने पढ़ाई करने के बाद पहले टीचिंग को प्रोफेशन बनाया उन्होंने 2001 से 2005 के बीच शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी की वे पांच साल तक यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर बनकर रही उस दौरान उन्होंने 40 रिसर्च पेपर लिखे।

प्रोफेसर से बनी पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट

गीता का सफर सिर्फ प्रोफेसर तक सीमित नहीं था उन्हें तो आईएमएफ के इतिहास में उभरना था। जहां पर उन्होंने पहली महिला चीफ इकोनॉमिस्ट के रूप में कार्यभार संभाला था। जहां पर उन्होंने आईएमएफ (IMF) की मैनेजिंग डायरेक्टर जॉर्जीवा की जगह पदभार संभाला था। उनकी प्रतिभा इतनी प्रबल थी कि, साल 2014 में गीता गोपीनाथ को अंडर 45 कैटेगरी के टॉप 25 इकोनॉमिस्ट में नॉमिनेट किया गया था। इतना ही नहीं गोपीनाथ को 2011 में वर्ल्ड इकनॉमिक्स फोरम द्वारा यंग लीडर चुना गया था।