‘चैत्र नवरात्रि’ में यदि आपने जलाई है ‘अखंड ज्योति’, तो ध्यान रहे कि ये गलतियां न हो जाएं

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: हिंदुओं का प्रमुख त्योहार ‘चैत्र नवरात्रि’ (Chaitra Navratri) आने में बस चंद दिन ही बचे हैं। इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है तो वहीं माता के उपासक व्रत भी रखते हैं। धार्मिक दृष्टि से इस पर्व का बहुत ही अधिक महत्व है, क्योंकि मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी कहा जाता है। यह पर्व व्रत और पूजा के अलावा वास्तु दोष दूर करने में भी काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में कुछ वास्तु उपाय अपनाकर आप घर में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। आइए जानें उन उपायों के बारे में –

    • वास्तु विशेषज्ञों के मुताबिक, आम के पत्तों के तोरण को मुख्य द्वार पर बांधना बहुत शुभ ही माना जाता है। नवरात्रि के दौरान मुख्य द्वार पर आम के पत्तों के तोरण को बांधना न भूलें।
    • कहते हैं कि, नवरात्रि के दौरान शायद ही कोई हिन्दू घर होगा, जहां ‘अखंड जोत’ जलाई न जाती हो। इससे आपके भाग्य और सुख में वृद्धि होती है। किंतु, ध्यान रहे कि, ‘अखंड ज्योति’ को कभी भी जमीन पर न रखें। इसे थोड़ी ऊंचाई पर ही रखें।
    • ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, घर में तुलसी के पौधे का बहुत अधिक महत्व होता है। वहीं, ‘नवरात्रि’ में घर में तुलसी का पौधा लगाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इसे घर की उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। तुलसी रोगों और दोषों को दूर रखने में अत्यंत लाभकारी है। यह पौधा परिवार में खुशियां लाता है। इसके अलावा, आप नवरात्रि के दिनों में मनी प्लांट, रातरानी, गुड़हल , अपराजिता प्लांट, गेंदे के फूल, मां लक्ष्मी की प्रिय लता भी लगा सकते हैं।

    • वास्तु के अनुसार, मंदिर पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। वास्तु के अनुसार अगर मंदिर गलत दिशा में हो तो नकारात्मक ऊर्जा फैलती है। गलत दिशा में मंदिर होने से कई बीमारियां और दुख हो सकते हैं।
    • घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाना भी बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती हैं। इससे घर में सकारात्मकता का संचार होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्वस्तिक बनाने के लिए आप हल्दी और चावल का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके घर में सुख, धन और अन्न में वृद्धि होगी।