चतुर्दशी की रात हुआ था भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह, जानिए ‘मासिक शिवरात्रि’ की पूजा की महिमा

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: सनातन धर्म में ‘मासिक शिवरात्रि’ (Masik Shivratri 2024) का दिन बहुत खास और शुभ माना जाता है। देवों के देव भगवान शिव (Lord Shiva) को समर्पित ‘मासिक शिवरात्रि’ हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। साल 2024 की पहली ‘मासिक शिवरात्रि’ आज यानी 9 जनवरी मंगलवार को मनाई जा रही है। आइए जानें साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि की तिथि, मुहूर्त और महत्व

तिथि

साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि आज यानी 9 जनवरी 2024, मंगलवार को है । ऐसा कहा गया है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति का हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। मासिक त्योहारों में शिवरात्रि का व्रत और पूजन का बहुत महत्व होता है।  

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार 9 जनवरी 2024 को रात 11 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और 10 जनवरी 2024 को रात 08 बजकर 10 मिनट पर खत्म होगी। शिवरात्रि शिव और शक्ति के संगम का एक पर्व है।  

पूजा समय – प्रातः: 10.01 – प्रात: 12.55

अवधि – 54 मिनट

महत्व

शिव पुराण के अनुसार, चौदस का व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक पर्व है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान भोलेनाथ के लिए उपवास रखने से उनकी पूर्ण कृपा प्राप्त होती है।

ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की शादी में दिक्कतें आ रही हैं, वे अगर इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-पाठ करते हैं, तो उनके विवाह से जुड़ी सभी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी।

आखिर रात में क्यों होती है मासिक शिवरात्रि की पूजा

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन रात के चार प्रहर के दौरान भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव का देवी पार्वती से विवाह चतुर्दशी की रात्रि में हुआ था।

रात के दौरान, साधक एकाग्रता के साथ भगवान शंकर का ध्यान और पूजा करने में सक्षम होते हैं, जिससे आधी रात का समय शिव लिंग पूजा के लिए सबसे अच्छा समय बन जाता है। इन कारणों से इस दिन रात्रि का समय शिव पूजन के लिए शुभ माना जाता है।