-सीमा कुमारी
जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से हनुमानजी की भक्ति करता है, उसके सारे कष्ट और रोग हनुमान जी की कृपा से दूर हो जाते हैं। और विशेष कर मंगलवार के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। धर्म-अध्यात्म के मर्मज्ञ मंगलवार के दिन रामभक्त श्री हनुमान जी की पूजा की सलाह देते हैं। इस दिन भक्तों को जीवन के कष्टों को दूर करने के लिए हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक का पाठ करने कहते हैं। किंतु, इन सब के साथ मंगलवार के दिन ‘हनुमान बाहुक’ का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना आता है।
सनातन धर्म के पण्डित कहते हैं कि मंगलवार को ‘हनुमान बाहुक’ (Hanuman Bahuk) का पाठ करने से शारीरिक कष्ट और रोगों से मुक्ति मिलती है।
जानिए क्या है ‘हनुमान बाहुक’
‘हनुमान बाहुक’ महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी रचित ‘हनुमानस्तोत्र’ है। कहते हैं कि कलियुग के प्रकोप से तुलसीदास जी को शारीरिक पीड़ा हुई। वात रोग के कारण उनका शरीर जकड़ गया था। तब उन्होंने ‘हनुमान बाहुक’ की रचना की। इस स्तोत्र का पाठ करने तुलसीदास जी की शारीरिक पीड़ा खत्म हो गई थी।
‘हनुमान बाहुक’ पाठ के लाभ
मान्यता है कि विधि-विधान से ‘हनुमान बाहुक: का पाठ करने से जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही साथ लंबे समय से अटके हुए काम सफलता पूर्वक पूरे होते हैं।
जो लोग गठिया, यानि वात रोग से पीड़ित हैं, या सिर दर्द, जोड़ों के दर्द या गले में दर्द की समस्या परेशान करती है, तो ऐसे में उन्हें ये स्तुति 21 या 26 दिन तक लगातार करने की सलाह दी जाती है।
ऐसे की जाए ‘हनुमान बाहुक’ का पाठ
‘हनुमान बाहुक’ का पाठ करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की तस्वीर के सामने एक पात्र में जल भरकर उसमें तुलसी का एक पत्ता डालकर स्तुति की जाती है। उसके बाद तुलसी के पत्ते सहित वह जल पी लिया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से तमाम शारीरिक कष्ट और बीमारियां दूर होने लगती हैं।