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    -सीमा कुमारी

    ‘महाशिवरात्रि’ का त्योहार आने में चंद दिन ही बचे हैं। इस दिन सभी शिव श्रद्धालु शिव मंदिरों में जाकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि, ‘महाशिवरात्रि’ की पूजा और व्रत से सभी दुःख-तकलीफ दूर हो जाते हैं। निडरता का वरदान भी मिलता है। जीवन खुशहाल होता है।

    भोलेनाथ के दरबार में जो भी भक्त आता है, भगवान उसकी झोली भरकर ही वापस भेजते है। उनकी कृपा से सुख, समृद्धि, धन, दौलत, पुत्र सबकुछ ही प्राप्त होता है। इस बार महाशिवरात्रि पर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करके अपने मन की मुराद पूरी कर सकते हैं। इसके लिए भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने के लिए पूजन सामग्री का होना आवश्यक है। आइए जानें ‘महाशिवरात्रि’ पर शिव आराधना की आवश्यक पूजन सामग्री के बारे में-

    ‘महाशिवरात्रि’ 01 मार्च को है। ऐसे में आप एक या दो दिन पूर्व पूजन सामग्री मंगा लें, तो अच्छा होगा, क्योंकि महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र आदि नहीं तोड़ते हैं, इससे दोष लगता है।

    महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए सबसे आवश्यक सामग्री नीचे दिए जा रहे हैं…  

    • बेलपत्र
    • गंगाजल
    • गाय का दूध और दही
    • भांग, मदार, धतूरा
    • मदार का फूल या सफेद फूल
    • सफेद चंदन, केसर, इत्र
    • पान-सुपारी, जनेऊ
    • अक्षत्, शक्कर, शहद, इलायची, लौंग
    • मौसमी फल, बेर, पुष्पमाला
    • शमी का पत्ता, बैठने के लिए आसन
    • शिव जी के लिए वस्त्र
    • पेड़ा, मालपुआ, ठंडाई, लस्सी, हलवा, मखाने की खीर आदि भोग के लिए
    • भस्म, रक्षासूत्र, शिव चालीसा, शिव आरती की पुस्तक
    • महाशिवरात्रि व्रत कथा की पुस्तक, शिव जी की मूर्ति, तस्वीर या छोटा शिवलिंग
    • दक्षिणा के लिए कुछ रुपये

    महाशिवरात्रि पर दान की कुछ सामग्री

    महाशिवरात्रि के अवसर पर आप इन पूजन सामग्री की मदद से विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा कर सकते है। यह सभी चीजें उपलब्ध न हों, तो भी आप मात्र बेलपत्र अर्पित करके भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं। बेलपत्र कभी अशुद्ध नहीं होता है, शिवलिंग पर अर्पित बेलपत्र को साफ जल से धोकर भी शिव जी को अर्पित कर सकते हैं।