इस दिन है ‘रामनवमी’, जानें सही तिथि और भगवान राम जन्मोत्सव की पूजा की विधि

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    सीमा कुमारी

    नई दिल्ली: हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक ‘रामनवमी’ का त्योहार। इस साल ‘रामनवमी’ का त्योहार 10 अप्रैल, रविवार को देशभर में मनाया जाएगा। मान्यता के मुताबिक, भगवान राम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। इसलिए इस तिथि को ‘रामनवमी’ कहा जाता है। इस दिन घर घर भगवान राम का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

    राम नवमी के दिन प्रभु श्रीराम की विशेष पूजा की जाती है। भगवान राम की स्तुति की जाती है। इस दिन विधि पूर्वक भगवान राम की पूजा करने से जीवन में आनी वाली सारी परेशानियां दूर होती हैं और भगवान राम की असीम कृपा भक्तों पर सदैव बनी रहती है। आइए जानें इस साल राम नवमी कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है ?

    मुहूर्त

     राम नवमी रविवार, 10 अप्रैल, 2022

    राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – सुबह 11:06 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक

    अवधि – 02 घंटे 33 मिनट

    सीता नवमी मंगलवार, 10 मई, 2022

    राम नवमी मध्याह्न क्षण – दोपहर 12:23 बजे

    नवमी तिथि प्रारंभ – 01:23

    पूर्वाह्न 10 अप्रैल, 2022

    नवमी तिथि समाप्त – 11 अप्रैल, 2022 को पूर्वाह्न 03:15

    पूजा-विधि

    इस पावन दिन शुभ जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें।

    अपने घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

    घर के मंदिर में देवी- देवताओं को स्नान कराने के बाद साफ स्वच्छ वस्त्र पहनाएं।

    भगवान राम की प्रतिमा या तस्वीर पर तुलसी का पत्ता और फूल अर्पित करें।

    भगवान को फल भी अर्पित करें।

    अगर आप व्रत कर सकते हैं, तो इस दिन व्रत भी रखें।

    भगवान को अपनी इच्छानुसार सात्विक चीजों का भोग लगाएं।

    इस पावन दिन भगवान राम की आरती भी अवश्य करें।

    आप रामचरितमानस, रामायण, श्री राम स्तुति और रामरक्षास्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं। भगवान के नाम का जप करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप श्री राम जय राम जय जय राम या सिया राम जय राम जय जय राम का जप भी कर सकते हैं। राम नाम के जप में कोई विशेष नियम नहीं होता है, आप कहीं भी कभी भी राम नाम का जप कर सकते हैं।

    महत्व

    ‘रामनवमी’ का दिन भक्तों के लिए बहुत महत्व रखता है, क्योंकि यह दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार प्रभु श्री राम की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तों के जीवन से सभी कष्ट कट जाते हैं। इसके अलावा, इस दिन नवरात्रि का समापन भी होता है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन को महानवमी कहते हैं। इस दिन पूजा अर्चना करने से राम जी के साथ आदिशक्ति मां जगदम्बा की कृपा भी प्राप्त होती है।