-सीमा कुमारी
यूं तो साल में फाल्गुन महीने की शिवरात्रि को ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivaratri) के रूप में मनाया जाता है। लेकिन, हर महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का भी अपना अलग महत्व है। भगवान भोलेनाथ के आशीर्वाद से जीवन में आरोग्य, धन, दौलत, सुख आदि की प्राप्ति होती है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, मासिक शिवरात्रि (masik shivratri) का व्रत करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए जानें वैशाख माह की शिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में-
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 28 अप्रैल दिन गुरुवार को रात 12 बजकर 26 मिनट पर हो रहा है। वहीं इस तिथि का समापन 29 अप्रैल की देर रात 12 बजकर 57 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर वैशाख माह की शिवरात्रि का व्रत 29 अप्रैल दिन शुक्रवार को रखा जाएगा।
शुभ मुहूर्त
वैसे तो शिवरात्रि का पूरा दिन शुभ होता है, लेकिन इस दिन रात्रि प्रहर की पूजा का शुभ मुहूर्त 29 अप्रैल की रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 40 मिनट तक है। यदि आप किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए शिवरात्रि की पूजा करना चाहते हैं, तो इस मुहूर्त में कर सकते हैं।
पूजा-विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन प्रातः जल्दी उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नानादि करें। इस समय यदि मंदिर नहीं जा सकते तो घर पर रहकर ही पूजन करें।सबसे पहले शिव जी के समक्ष पूजा स्थान में दीप प्रज्वलित करें। यदि घर शिवलिंग है तो दूध, और गंगा जल आदि से अभिषेक करें। शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा आदि अवश्य अर्पित करें। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा भी करनी चाहिए। पूजा करते समय नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते रहें। भगवान शिव को भोग लगाएं और आरती करें।
महिमा
शिवरात्रि शिव जी की प्रिय तिथि है। इस दिन विधि-विधान के साथ पूजन व व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं।
मान्यता के अनुसार, शिवरात्रि पर व्रत पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सकारात्मकता का संचार होता है। समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए शिवरात्रि के दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ फलदायी माना जाता है। साथ ही इस दिन शिव मंत्रों का जाप करना भी बेहद लाभप्रद रहता है।