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    -सीमा कुमारी

    साल 2022  का आखिरी और दूसरा चंद्रग्रहण 8 नवंबर, मंगलवार को लगेगा, और ये ग्रहण भारत में नजर आएगा।  चूंकि ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। लिहाजा, ज्योतिषविद  इस ग्रहण से लोगों को संभलकर रहने की सलाह दे रहे है। आइए जानें साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में कितने बजे दिखाई देगा और इसके सूतक काल का समय क्या रहने वाला है।

    भारत में कब लगेगा चंद्र ग्रहण

    साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को शाम 05 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाएगा।

    भारत में कहां-कहां नजर आएगा चंद्र ग्रहण

    भारत में साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण गुवाहाटी, रांची, पटना, सिलिगुड़ी और कोलकाता समेत देश की राजधानी दिल्ली में भी दिखाई पड़ेगा। चंद्र ग्रहण भारत में दिखने के कारण इस अवधि में विशेष सावधानी बरतनी होगी।

    दुनिया में कहां नजर आएगा चंद्र ग्रहण

    चंद्र ग्रहण उत्तरी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से पेसिफिक, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका के क्षेत्रों से भी दिखाई देगा।

    चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही लग जाता है। इसलिए 8 नवंबर को लग रहे चंद्रग्रहण का सूतक काल सुबह 9 बजकर 21 मिनट से लग जाएगा है। ग्रहण से पहले 3 प्रहर के लिए सूतक मनाया जाता है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें। पूजा-पाठ करने से बचें । भोजन न करें और सोएं नहीं। गर्भवती महिलाएं, बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ख्याल रखें।

    सूतक काल के दौरान ध्यान रखें यह बातें

    धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूतक समय को आमतौर पर अशुभ मुहूर्त समय माना जाता है। इसे ऐसा समय कहा जा सकता है, जिसमें शुभ कार्य करने वर्जित होते है। सूतक ग्रहण समाप्ति के बाद धर्म स्थलों को फिर से पवित्र किया जाता है।

    सूतक के समय भोजन नहीं करना चाहिए। जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए।

    ग्रहण के बाद पीने के पानी को बदल लेना चाहिए। अनेक वैज्ञानिक शोधों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत शिथिल हो जाती है। ऐसे में यदि उनके पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाएगा तो उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।

    चंद्रग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया आदि से विशेष रूप से बचना चाहिए।