Today is the second 'Pradosh Vrat' of Marshish, worship in this Muhurta with this method, Bholenath will be pleased

    -सीमा कुमारी

    मार्गशीर्ष माह का दूसरा ‘प्रदोष व्रत’ (Pradosh Vrat) 05 दिसंबर, सोमवार को रखा जाएगा। अक्सर देखा जाता है कि किसी भी हिंदी माह का पहला पहला प्रदोष व्रत जिस दिन को होता है, उसका दूसरा प्रदोष व्रत भी उस दिन ही पड़ता है। जैसे पहला प्रदोष सोम को है तो दूसरा प्रदोष व्रत भी सोम को ही होगा। प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत रखने का विधान है।   आइए जानें सोम प्रदोष व्रत के पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में-

    तिथि

    पंचांग के अनुसार, 05 दिसंबर दिन सोमवार को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि लग रही है। यह तिथि अगले दिन 06 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक मान्य है।  इस व्रत में शाम की पूजा का मुहूर्त देखते है। इस आधार पर सोम प्रदोष व्रत 05 दिसंबर को रखा जाएगा।

    सोम प्रदोष पूजा मुहूर्त

    सोम प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा के लिए दो घंटे 43 मिनट का शुभ मुहूर्त है। इस दिन आप शाम को 05 बजकर 24 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक भगवान शिव की पूजा कर सकते है।   यह शिव पूजा के लिए प्रदोष मुहूर्त है। इस दिन अभिजित मुहूर्त या शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक है।  

    त्रयोदशी पर परिघ और शिव योग

    मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर परिघ और शिव योग बन रहे है।  परिघ योग सुबह से लेकर अगले दिन 06 दिसंबर को तड़के 03 बजकर 08 मिनट तक है। उसके बाद से शिव योग प्रारंभ हो जाएगा। सोम प्रदोष व्रत का पूजन परिघ योग में और पारण शिव योग में होगा ।

    सोम प्रदोष व्रत के दिन शिव वास का भी संयोग बना है। जो लोग इस दिन रुद्राभिषेक कराना चाहते हैं, वे करा सकते है।इस दिन शिवास पूरे दिन है, जो अगले दिन 06 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 47 मिनट तक रहेगा ।

    महिमा

    प्रदोष व्रत करने से सभी प्रकार के दोष दूर होते है। वैसे दिन के अनुसार पड़ने वाले प्रदोष व्रत का अलग महत्व और फल होता है। जो लोग ‘सोम प्रदोष व्रत’ रखते हैं। शिव कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मनोकामना पूर्ति के लिए यह महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है। प्रदोष व्रत रखने और शिव पूजा करने से रोग, ग्रह दोष, कष्ट, पाप आदि दूर होते हैं, जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और उन्नति प्राप्त होती है।