जन्माष्टमी के दिन ‘इससे’ कराएं बाल गोपाल को स्नान, उसके बाद ‘इस’ विधि से ऐसे करें उनका श्रृंगार

Loading

सीमा कुमारी

नई दिल्ली: हर साल भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन ‘कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी’ (Shri Krishna Janmashtami) मनाई जाती है। इस साल जन्माष्टमी का पावन त्योहार 6 सितंबर 2023, बुधवार के दिन मनाई जाएगी। आपको बता दें कि भगवान श्री कृष्ण जगत पिता विष्णु के आठवें अवतार थे। बेशक श्रीकृष्‍ण का जन्‍म मथुरा में हुआ हो, मगर इस दिन को पर्व की तरह पूरे देश में मनाया जाता है।

शास्त्रों के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कृष्ण जी का जन्म रात्रि में हुआ था, इसलिए उनके जन्म के समय ही पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। जन्माष्टमी के पावन अवसर पर लड्डू गोपाल के श्रृंगार का बड़ा महत्व है। तो आइए जानें कि भगवान श्रीकृष्ण का श्रृंगार कैसे करना चाहिए क्योंकि लड्डू गोपाल के श्रृंगार बिना ये त्योहार अधूरा रह जाता है।

जन्माष्टमी पर बाल गोपाल का पंचामृत से स्नान कराने के बाद अच्छे से श्रृंगार करना चाहिए। लड्डू गोपाल का वस्त्र, बांसुरी, मोरपंख, काजल, मुकुट आदि से सजाएं। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण को मोरपंख अति प्रिय है। भगवान के श्रृंगार के बाद मोर मुकुट जरूर पहनाएं। इससे कान्हा का रूप और भी सुंदर होगा।

इसके अलावा, बाल गोपाल के श्रृंगार में कई सारी ऐसी चीजें हैं जिनके बिना श्रृंगार अधूरा रह जाता है। इनमें से एक बांसुरी भी है। जन्माष्टमी पर श्रृंगार के बाद बाल गोपाल के हाथ में छोटी सी बांसुरी रखना न भूलें।

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर बाल गोपाल के श्रृंगार के साथ ही उन्हें झूले में अवश्य बैठाएं। बाल गोपाल को झूला झूलाने की परंपरा बहुत ही लंबे समय से चली आ रही है, जो आज भी हर हिन्दू धर्म में कायम है। लड्डू गोपाल के श्रृंगार के साथ ही भगवान को कड़े और बाजूबंध अवश्य पहनाएं। इससे जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।