Bhandara

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मुंबई/भंडारा.  महाराष्ट्र (Maharashtra) के भंडारा (Bhandara) में भंडारा जिला अस्पताल (Bhandara Govt. Hospital) में बीते 9 जनवरी की रात को हुए भीषण अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। इसको लेकर उद्धव सरकार ने एक जांच कमेटी भी बनाई थी। इस कमेटी ने जांच रिपोर्ट अब महाराष्ट्र सरकार को सौंप दी है। कमेटी की आयी रिपोर्ट के आधार पर कई चिकित्सा अधिकारियों और नर्स पर अब कार्रवाई की गाज गिरी है। 

महाराष्ट्र सरकार ने इस रिपोर्ट के आधार पर भंडारा के सर्जन और नर्स समेत चार को निलंबित कर दिया है। सरकार ने भंडारा जिले के सर्जन डॉक्टर प्रमोद खंडाटे, मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर अर्चना मेश्राम, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुशील अंबाडे, नर्स ज्योति भारस्कर को उनकी सेवाओं से निलंबित कर दिया है। वहीं अवर सर्जन डॉक्टर सुनीला बडे का तबादला भी कर दिया गया है। इसके साथ ही सरकार की ओर से प्रदेश के हर जिला अस्पताल में 15 दिन के अंदर हेल्थ ऑडिट कराने का ऐलान भी किया गया है।

 इसके पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने बीते 9 जनवरी को ही कहा था कि भंडारा (Bhandara) के जिला अस्पताल (District Hospital) में लगी आग के कारणों का पता लगाने के लिए नेशनल फायर सर्विस कॉलेज (National Fire Service College)(NFFSC) और नागपुर के वीआईएनटी (Nagpur VNIT) के विशेषज्ञों की टीम जांच करेगी। इसके साथ ही जांच के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे (Rajesh Tope) और गृह मंत्री अनिल देशमुख ने हेल्थ कमिश्नर डॉक्टर रामास्वामी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। 

क्या है रिपोर्ट में:

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर अस्पताल स्टाफ ने अपने कार्य में थोड़ी सी भी तत्परता और समन्वय दिखाया होता तो इस भयानक हादसे को रोका जा सकता था। 50 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि बेबी वार्मर से निकली चिंगारी के कारण न्यू बॉर्न केयर यूनिट में आग लगी थी। इससे मौके पर तीन बच्चों की मौत जलने से हुई, जबकि 7 बच्चे दम घुटने के कारण मारे गए थे। वहीं मौके पर वार्ड में इंस्पेक्शन के लिए न तो कोई नर्स मौजूद थी और ना ही नाइट राउंड के लिए कोई डॉक्टर। 

जांच रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी किया गया है कि अस्पताल के कर्मचारियों की गैर मौजूदगी के कारण हादसे के बाद उन जरुरी क्षणों में जरूरी कदम नहीं उठाए जा सके और हालात बेकाबू हो गए। इसके साथ ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि अस्पताल में मौजूद स्टाफ को इस तरह के हालात से निपटने के लिए कोई जरुरी ट्रेनिंग नहीं दी गई है जिसके कारण हालात खराब से बद्तर होते गए। वहीं खबरों की मानें तो अब हेल्थ कमिश्नर डॉक्टर रामास्वामी की कमेटी ने स्टाफ को इस तरह के हालात से निपटने के लिए एक जरुरी किन्तु व्यापक ट्रेनिंग देने की सिफारिश भी इस रिपोर्ट में की है।

गौरतलब है कि भंडारा जिला अस्पताल अस्पताल के विशेष नवजात देखरेख इकाई में बीते 9 जनवरी की को देर रात करीब डेढ़ बजे आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी।