मुंबई. राज्य के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के खिलाफ सीबीआई (CBI) ने अपराध दर्ज कर कार्रवाई शुरु की है। जिसको लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। शिवसेना (Shiv Sena) एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने सीबीआई की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut), एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल (Jayant Patil) सहित अन्य नेताओं ने ट्वीट कर भाजपा एवं केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ ने कहा कि मुझे पहले से ही मालुम था कि इस तरह की कार्रवाई होनी है।
शिवसेना नेता एवं सांसद जय राउत ने सीबीआई की कार्रवाई पर शंका जताते हुए कहा है कि ‘दया, कुछ तो गड़बड़ जरूर है। संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि न्यायालय के आदेश एवं सीबीआई की कारवाई में बहुत अंतर है। छापे की कार्रवाई सीबीआई का एक तरह से आतंक है। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को केवल प्राथमिक जांच का आदेश देते हुए रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। अनिल देशमुख के यहां छापा, एफआईआर… वगैरे अति है। यह सब कुछ न्याय व तर्कसंगत नहीं दिख रहा है। दया.. कुछ तो गड़बड़ जरूर है। इस तरह का सवाल राउत ने उठाया है।
कुछ तो गडबड है…
मा.उच्च न्यायालयाने फक्त प्राथमिक चौकशीचे आदेश देत अहवाल सादर करा असे सीबीआयला सांगीतले होते.
अनिल देशमुखावर धाडी. एफ.आय. आर..वगैरे अतिरेक आहे. हा सर्व प्रकार न्याय व तर्कसंगत दिसत नाही.दया..कुछ तो गडबड जरूर है.— Sanjay Raut (@rautsanjay61) April 24, 2021
एनसीपी ने की निंदा
या चौकशीच्या मिळालेल्या परवानगीचा उपयोग सीबीआय धाडसत्र घालून राजकीय उद्दिष्टे साध्य करताना दिसत आहे. अशा धाडींचा राजकीय नेत्याला बदनाम करण्यासाठीच वापर होत आहे, आम्ही याचा तीव्र निषेध करतो.
— Jayant Patil (@Jayant_R_Patil) April 24, 2021
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की तरफ से अनिल देशमुख के घर एवं कार्यालय पर छापेमारी की कार्रवाई की निंदा की गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख न्यायालय के निर्णय का सम्मान करते हुए गृहमंत्री पद से इस्तीफा दिया। सीबीआई जांच में पूरा सहयोग दिए। इस मामले में कुल 4 लोगों की जांच हुई। उन्होंने समाधानकारक उत्तर दिया। उच्च न्यायालय ने केवल ‘प्राथमिक जांच’ का आदेश दिया था। इस प्राथमिक जांच में क्या निकला ? इसकी रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष पेश हुआ यह सुनने में नहीं आया। परंतु एंटीलिया और हिरेन हत्या मामले में जिन्हें गिरफ्तार किया गया एवं जो संदिग्ध हैं। उनके कहने पर जांच शुरू है। जांच की अनुमति मिलने का उपयोग सीबीआई छापा डाल कर राजनीतिक उद्देश्य पूरा करने का काम कर रही है। जयंत पाटिल ने ट्वीट कर इस घटना की निंदा की है।
पूर्व नियोजित षड़यंत्र
ग्रामीण विकास मंत्री एवं एनसीपी नेता हसन मुश्रीफ ने भाजपा पर हमला करते हुए मामले को पूर्व नियोजित षड़यंत्र बताया है। उन्होंने कहा है कि जिस दिन परमबीर सिंह का पत्र सामने आया था उसी समय हमने कहा था यह सुनियोजित है। देवेंद्र फडणवीस, परमबीर सिंह दिल्ली गए। सुबह अमित शाह से मिले एवं एनआई के पास जांच गया। सबूत के बगैर जांच हो सकती है क्या? सीबीआई के पास जांच जाने के बाद किसी ठोस सबूत के जांच करना मतलब भाजपा विरोधी पार्टी को बदनाम करने का षडयंत्र है। यह सरकार अस्थिर करने का प्रयास है जो कभी सफल नहीं होगा।