नागपुर. भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस ने रविवार को महाराष्ट्र की महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार पर ”विदर्भ-विरोधी” होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र के विकास के लिये कोष प्रदान नहीं कर इसकी उपेक्षा कर रही है। फडणवीस ने पूर्वी विदर्भ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए एक दिसंबर को होने वाले विधान परिषद चुनाव से पहले भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया विदर्भ क्षेत्र में केवल वही विकास कार्य चल रहे हैं, जिन्हें केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दी है। विदर्भ क्षेत्र के नागपुर से संबंध रखने वाले फडणवीस ने कहा, ”यह सरकार पूरी तरह से विदर्भ-विरोधी है और मराठवाड़ा तथा अन्य पिछड़े क्षेत्रों के प्रति भी इसका यही रवैया है।”
एकही उपलब्धी न सांगता येणाऱ्या सरकारची काल वर्षपूर्ती झाली. इतके निष्क्रिय सरकार या महाराष्ट्राने कधीही पाहिले नाही. या सरकारला धडा शिकवण्यासाठी ही निवडणूक महत्वाची आहे. pic.twitter.com/qYnC9Yip5K
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) November 29, 2020
फडणवीस ने कहा कि, वह सरकार जो किसी भी उपलब्धि को बताने में सक्षम नहीं है, उस सरकार को कल एक साल पूरा हो गया। महाराष्ट्र ने ऐसी निष्क्रिय सरकार कभी नहीं देखी। और इस सरकार को सबक सिखाने के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण है।
भाजपा को राज्य सरकार की आलोचना का कोई अधिकार नहीं
फड़णवीस के आरोपों पर पलटवार करते हुए राकांपा नेता तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि केन्द्र सरकार महाराष्ट्र का 33,000 करोड़ रुपये बकाया दबाए बैठी है। उन्होंने कहा, ”भाजपा को राज्य सरकार की आलोचना का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा महाराष्ट्र-विरोधी है। कोविड-19 महामारी से न केवल विदर्भ बल्कि पूरे राज्य के विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ा है।” राज्य की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट ने कहा कि विपक्ष हताशा में एमवीए सरकार पर आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा, ”लोग भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रहे।”