Representative Image
Representative Image

    Loading

    पुणे: महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न जिलों से पर्याप्त संख्या में एकत्र किए गए नमूनों को जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं सार्स-सीओवी-2 का कोई नया स्वरूप तो सामने नहीं आया है। इसका उद्देश्य कोविड-19 के ‘डेल्टा प्लस’ स्वरूप की पहचान करना है। एक अधिकारी ने पुणे में यह जानकारी दी। 

    उन्होंने बताया कि बेहद तेजी से फैलने वाले कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप ने खुद में और बदलाव करते हुए डेल्टा प्लस स्वरूप में बदल गया है और ऐसा माना जा रहा है कि हाल ही में कोविड-19 के उपचार के लिए अनुमत की गई मोनोक्लोनॉल एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी भी बहुत कारगर नहीं है। 

    राज्य निगरानी अधिकारी डॉ प्रदीप अवाटे ने कहा, ” हमने विभिन्न जिलों से नमूने एकत्र कर जांच के लिए भेजे हैं ताकि डेल्टा प्लस स्वरूप की उपस्थिति के बारे में पता लगाया जा सके। इनके नतीजे मंगलवार तक प्राप्त होने की उम्मीद है।” (एजेंसी)