नारायण राणे का दावा, “अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में आदित्य ठाकरे का हाथ”

Loading

मुंबई. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Udhav Thackeray) की दशहरा रैली के बाद भाजपा (BJP) का हमला तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा सांसद नारायण राणे (Narayan Rane) ने सोमवार को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले (Actor Sushant Singh Rajpur Suicide Case) को लेकर बड़ी बात बोली है। राणे ने कहा कि, “सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में उद्धव ठाकरे के पुत्र व पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे (Tourism Minister Aditya Thackeray) का हाथ था। वहीं ठाकरे की दशहरा रैली का आयोजन केवल आदित्य ठाकरे को क्लीनचिट देने के लिए किया गया था।” 

ठाकरे कर रहे शक्ति का दुरूपयोग 

राणे ने सोमवार को पत्रकार परिषद में उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला किया। “उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह और दिशा सालियान की कथित आत्महत्या मामले की जांच अभी जारी है, लेकिन उद्धव ठाकरे शक्ति का दुरुपयोग कर अपने बेटे को क्लीनचिट देने में लगे हैं।”

सच्चाई जल्द ही आएगी सामने 

राणे ने कहा कि, जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी कि किसने सुशांत सिंह की हत्या की थी और किसने दिशा सालियान के साथ दुष्कर्म किया था। 

अगले चुनाव में शिवसेना 10-15 सीटों पर आएगी

राणे ने कहा कि, चुनाव में शिवसेना के 53 विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर चुकर आए हैं। लेकिन अब अगले चुनाव में शिवसेना 10 से 15 सीटों पर ही सिमटकर रह जाएगी। साथ ही राणे ने उद्धव ठाकरे को मराठा विरोधी बताया है। उन्होंने कहा, अब तक के सभी मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र का नाम ऊंचा किया है, लेकिन ठाकरे इसके अपवाद है।   

महाविकास अघाड़ी के नेताओं का राणे पर जवाबी हमला  

राणे की आलोचना के बाद महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने भी राणे पर जवाबी हमला बोल दिया है। राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने राणे पर निशाना साधते हुए कहा कि कोई कितना ही टर-टर कर ले, आकाश फटने वाला नहीं और न ही बारिश होने वाली है।”

शिवसेना नेता दादा भूसे ने राणे पर पलटवार करते हुए जवाब दिया है। भूसे ने कहा कि, “राज्य के मुख्यमंत्री का एकल उल्लेख करना अशोभनीय है। इतना ही नहीं तो यह महाराष्ट्र की संस्कृति को भी शोभा नहीं देता। इसलिए नारायण राणे की मेडिकल जांच करने की जरुरत है।”

वहीं उदय सामंत ने कहा कि, “महाराष्ट्र को एक राजनीतिक इतिहास है। मराठा आरक्षण के बारे में सरकार गंभीरता से काम कर रही है। ऐसा बोला जा रहा है कि, 15 विधायक चुनकर आएंगे या सरकार गिरेगी। लेकिन राणे के पत्रकार परिषद से पता चलता है की महाराष्ट्र की जनता ठाकरे सरकार को ही चुनकर देगी।”