स्कूल बंद का निर्णय सही, केवल 5601 अभिभावकों ने दी थी स्वीकृति

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सूरज पांडे

मुंबई. कोरोना की दूसरी लहर को ध्यान में रखकर मनपा द्वारा 31 दिसंबर तक स्कूल बंद रखने के निर्णय का प्राध्यापकों, शिक्षकों और अभिभावकों ने स्वागत किया है. मनपा स्कूलों में पढ़ने वाले 9वीं और 10वीं के मात्र 5601 विद्यार्थियों के अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की स्वीकृति दी. शिक्षकों की माने तो अभी भी जोखिम बना हुआ और स्कूल बंद रखने का निर्णय सही है.

मुंबई में भी 23 नवंबर से 9वीं से 12वीं की क्लास शुरू होनी थी. कई स्कूलों ने तैयारियां कर ली थी तो कुछ तैयारियों में जुटे हुए थे. शिक्षकों की जांच भी शुरू कर दी गई थी, लेकिन क्या अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार है? इस प्रश्न का उत्तर मनपा शिक्षा विभाग से प्राप्त आंकड़े  बता रहे हैं.

बीएमसी ने जो निर्णय लिया है वो सही है

 मनपा स्कूलों के 9वीं और 10वीं वर्ग में कुल 35670 विद्यार्थी हैं, लेकिन इसमें से 20 नवंबर तक केवल 5601 अभिभावकों ने ही अपने बच्चे को स्कूल भेजने की स्वीकृति दी है. मुंबई प्रिंसपल एसोसिएशन के सचिव प्रशांत रेड्डीज ने कहा कि हम पहले से ही दिसंबर के बाद स्कूल शुरू करने की मांग कर रहे थे, मात्र 10 से 15 फीसदी अभिभावक ही अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार थे. ऐसे में बीएमसी ने जो निर्णय लिया है वो सही है. महाराष्ट्र जूनियर कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो. मुकुंद आंधले ने कहा कि मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए मनपा ने उचित निर्णय लिया है. इससे अभिभावकों को भी काफी राहत मिलेगी.

412 शिक्षक ने कराई टेस्टिंग

मनपा स्कूलों में 1161 शिक्षकों में से 20 नवंबर तक 412 शिक्षकों ने कोरोना टेस्टिंग की. अच्छी बात यह है कि इसमें से कोई भी शिक्षक वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है.

बढ़ सकती थी संख्या

भले ही कम अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की स्वीकृति दी है, लेकिन इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि अभिभावक बच्चों को नहीं भेजते. यदि 31 दिसंबर तक स्कूल बंदी की घोषणा नहीं होती तो स्वीकृति देने वाले अभिभावकों की संख्या में इजाफा हो सकता था. –महेश पालकर, शिक्षा अधिकारी मनपा

सरकार और मनपा में तालमेल नहीं

पहले स्कूल और कॉलेज खोलने को लेकर घोषणा कर दी गई. स्कूल प्रशासन ने अपने स्तर पर तैयारियां भी शुरू कर दी. कई शिक्षकों ने अपनी जांच भी करवा और अब जब स्कूल खुलने के 2 दिन पहले मनपा निर्णय लेती है कि स्कूल बंद रहेंगे. क्या यह निर्णय पहले नहीं लिया जा सकता था? इससे यह साफ है कि सरकार और जिला अधिकारियों के बीच तालमेल की कमी है. – अरुंधति चवान, अध्यक्ष, पेरेंट्स टीचर्स एसोसिएशन (पीटीए)