Despite the court's comment, BMC did not free the officer - Bihar DGP

Loading

मुंबई: सिंह राजपूत केस की जांच अब सीबीआई करेगी लेकिन मुंबई और बिहार पुलिस के बीच चल रही खींचातानी फिलहाल कम होती नहीं दिख रही है। बीएमसी ने अभी तक आईपीएस अफसर विनय तिवारी को नहीं छोड़ा है जिसपर पर बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने अफसोस जताया है और मामले पर ट्वीट करते हुए कहा है, “माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ये गंभीर टिप्पणी की गयी है कि बिहार के आईपीएस विनय तिवारी को मुंबई में ज़बरदस्ती क्वारेंटाइन किया जाना ग़लत है फिर भी बीएमसी ने उन्हें अभी तक मुक्त नहीं किया है। वे सुप्रीम कोर्ट की भी परवाह नहीं करते, अब इसको आप क्या कहेंगे? अफ़सोस।”

गुप्तेश्वर पांडे ने आगे कहा, “बिहार के पुलिस मुख्यालय ने आज बीएमसी के आयुक्त को एक पत्र लिख कर माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी का हवाला देते हुए बिहार के आईपीएस विनय तिवारी को क्वारेंटाइन से मुक्त कर बिहार वापस लौटने देने का अनुरोध किया है। उनके निर्णय का इंतज़ार है।”

वहीं बीएमसी ने बुधवार को एक स्टेटमेंट जारी कर कहा था, हम भारत सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए घरेलू हवाई यात्रा करने वालों को 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन कर रहे हैं। अधिकारी के काम में बाधा ना आए इसलिए वो ज़रूरत पढ़ने पर अपनी टीम से डिजिटल माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। उन्हें बढ़ते कोरोना मामलों चलते क्वारेंटाइन किया गया है, इससे वो सुरक्षित रहेंगे।   

इस मामले को लेकर बुधवार को गुप्तेश्वर पांडे ने कहा था, “पटना आईजी ने बीएमसी के चीफ़ को पत्र लिख कर आईपीएस विनय तिवारी को क्वारेंटिन करने का विरोध करते हुए उनको मुक्त करने का अनुरोध किया था जिसको ठुकरा दिया गया है। बीएमसी ने पत्र का जबाब भी पटना पुलिस को भेज दिया है। यानि हमारे एसपी विनय तिवारी अब 14 दिन तक वहीं क़ैद रहेंगे। बीएमसी का यह फ़ैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।”

सुशांत मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को साफ़ कर दिया है कि इस मामले की जांच अब सीबीआई करेगी। दरअसल बिहार सरकार ने मंगलवार मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश केंद्र को भेजी थी। जिसके बाद केंद्र ने बिहार सरकार की बात मान ली है। कोर्ट को केंद्र की ओर से पेश महाधिवक्ता तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश स्वीकार कर ली गई है।