UP का पहला डेटा सेंटर पार्क बनाएगा हीरानंदानी ग्रुप

  • ग्रुप करेगा 7,000 करोड़ का निवेश

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मुंबई. हीरानंदानी ग्रुप (Hiranandani Group) की कंपनी योटा इन्फ्रास्ट्रक्चर (Yotta Infrastructure) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का पहला डेटा सेंटर पार्क बनाएगी. हाइपर स्केल डेटा सेंटर पार्क (hyper scale datacenter park) का निर्माण करने के लिए ग्रुप करीब 7,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगा. 

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में 20 एकड़ में हाइपर स्केल डेटा सेंटर पार्क की स्थापना के लिए ग्रुप को सरकार से मंजूरी मिल गई है. पार्क में 6 इंटरकनेक्टेड डेटा सेंटर इमारतें होंगी, जो 30,000 रैक क्षमता और 200 मेगावाट पावर वाली होंगी. यूपी में यह आधुनिक डेटा सेंटर पार्क बनने से बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे. प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 50,000 रोजगार के अवसर निकलने की उम्मीद है. यूपी के विकास में यह पार्क अहम भूमिका अदा करेगा.

‘डिजिटल इंडिया’ को मिलेगा बढ़ावा

हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने कहा कि यह अत्याधुनिक कैंपस के साथ एनसीआर क्षेत्र का पहला हाइपरस्केल डेटा सेंटर होगा. डेटा सेंटर पार्क ‘डिजिटल इंडिया’ (Digital India) की पहल को आगे बढ़ाएगा. यह क्षेत्र भारतीय जीडीपी में 10% से अधिक योगदान देता है और इससे उद्यमों और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा मिलेगा, जिन्हें विश्वसनीय डेटा सेंटर सेवाओं की आवश्यकता होती है. यूपी सरकार इसके लिए पूरा सहयोग, भूमि आवंटन, 24 घंटे बिजली की व्यवस्था आदि इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा रही है. यह योजना क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि देश में भी डेटा सेंटर के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगी.

नवी मुंबई और चेन्नई के बाद तीसरा प्रोजेक्ट

हीरानंदानी ग्रुप ने दिसंबर 2020 से कार्य शुरू कर जुलाई 2022 तक पहली इमारत के साथ परिचालन शुरू करने का लक्ष्य रखा है. ग्रुप की नवी मुंबई और चेन्नई के बाद यह तीसरी परियोजना है. इससे पहले जुलाई 2020 में योटा ने अपने नवी मुंबई डाटा सेंटर पार्क ‘योटा एनएम1’ को लांच किया था, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टीयर IV डेटा सेंटर है. कंपनी ने चेन्नई में भी डेटा पार्क स्थापित करने के लिए तमिलनाडु सरकार के साथ समझौता किया है. इसके लिए 4,000 करोड़ रुपए निवेश की योजना है. डाटा सेंटर पार्क सेक्टर में हीरानंदानी ग्रुप प्रमुख ऑपरेटर के रूप में उभर रहा है.

देश में ही रहेगा डेटा सुरक्षित

गौरतलब है कि अभी पर्याप्‍त डेटा सेंटर न होने के कारण उत्‍तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्‍सों से डेटा विदेशों में रखे जाते हैं. डेटा सेंटर पार्क बनने के बाद कंपनियां और सरकार देश में ही अपने डेटा सुरक्षित रख सकेंगे. डेटा सेंटर नेटवर्क से जुड़े हुए कंप्यूटर सर्वर का एक बड़ा समूह है. इसके जरिए बड़ी मात्रा में डेटा स्टोरेज, प्रोसेसिंग व डिस्ट्रीब्यूशन के लिए कंपनियों द्वारा उपयोग किया जाता है. यूपी सहित पूरे देश में सोशल मीडिया प्लेटफार्म मसलन फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि के करोड़ों उपभोक्ता हैं और इन उपयोगकर्ताओं से जुड़ा डेटा सुरक्षित रखना महंगा व मुश्किल काम रहता है. इसके अलावा बैंकिंग, रिटेल व्यापार, स्वास्थ्य सेवा, ट्रेवल, पर्यटन के अलावा आधार कार्ड आदि का डेटा भी अहम है. 

हम उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होंने डेटा सेंटर के तेजी से उभरते क्षेत्र में नए निवेश को बढ़ावा दिया है. दिसंबर 2020 से परियोजना का काम शुरू हो जाएगा. इस बहुउद्देश्यीय परियोजना से उत्तर भारत में तकनीकी विकास के साथ रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा. इस परियोजना से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 50 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. रिकार्ड समय में सभी अपेक्षित मंजूरी के साथ राज्य में डेटा सेंटर का निर्माण होगा.

- डॉ. निरंजन हीरानंदानी, प्रबंध निदेशक, हीरानंदानी ग्रुप