Three Indian companies showed interest in Mumbai monorail project

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    मुंबई. मुंबई (Mumbai) में शुरू हुई देश की पहली मोनो रेल (Mono Rail) की सुस्त पड़ी रफ़्तार को तेज करने के लिए एमएमआरडीए (MMRDA) की तरफ से प्रयास किए जा रहे हैं। मोनो रेल का संचालन सुचारू बनाने के लिए नए पार्ट्स के साथ रेक की भी आवश्यकता जताई जा रही है। मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएमआरडीए) ने नई योजना (New plan) के तहत मुंबई मोनो रेल से संबंधित विभिन्न उपकरणों व पार्ट्स की खरीद के लिए तीन अलग-अलग निविदाएं आमंत्रित की हैं। मोनो रेल के लिए  आपातकालीन सुरक्षा रिले, डिजिटल डेप्थ गेज की आवश्यकता है। इसके अलावा मोनो रेल के लिए अंडर फ्लोर कम्युनिकेशन केबल की मरम्मत का काम भी जरूरी है। 

    एक अधिकारी के अनुसार मुंबई मोनो रेल सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए कई उपकरण आवश्यक हैं। अंडर फ्लोर कम्युनिकेशन केबल की मरम्मत के लिए वितरक और आपूर्तिकर्ता 15 जून तक बोलियां जमा कर सकते हैं, जबकि आपातकालीन सुरक्षा रिले के लिए बिड 14 जून तक जमा किया जा सकता है।

    संचालन के लिए स्वतंत्र विभाग

    बताया गया है कि मोनो रेल संचालन के लिए अलग से 17 लोगों की टीम बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें 11 लोग मोनो के तकनीकी संचालन में भूमिका निभाएंगे। इनमें अधिकांश कार्य सिग्नलिंग, संचार, स्टेशन संचालन, सुरक्षा, विद्युत रखरखाव, स्पेयर पार्ट्स की खरीद आदि जैसी मामलों  से संबंधित होंगे। सुचारू बनाने के लिए एमएमआरडीए की तरफ से एक स्वतंत्र विभाग होगा। 

    यात्री हुए कम

    कोरोना महामारी में लॉकडाउन के चलते मोनो में यात्रियों की संख्या और भी कम हुई है।  चेंबूर-वडाला-जैकब सर्कल ट्रैक पर चल रही एमएमआरडीए की मोनो रेल को शुरू से ही यात्रियों का टोटा रहा है। मोनो रेल के एक अधिकारी के अनुसार, रोजाना 68 ट्रिप चलाई जाती रही है। चेम्बूर से जेकब सर्कल तक लगभग 20 किमी के ट्रैक पर सुबह 6.24 बजे से लेकर देर रात को 11.03 बजे तक मोनो दौड़ती है। इस समय प्रति आधे घंटे पर मोनो की ट्रिप हो रही है। 300 से ज्यादा का स्टाफ मोनो रेल के संचालन में लगा हुआ है। शुरू में ‘मोनोरेल’ का निर्माण करने वाली लार्सन एंड टुब्रो और मलेशिया की कंपनी मोनो का संचालन कर रही थी। दिसंबर 2018 के बाद से ही एमएमआरडीए के परिवहन और संचार विभाग के अधिकारियों द्वारा मोनो रेल का संचालन हो रहा है।

    खर्च ज्यादा आमदनी कम

    19.5 किलोमीटर की मोनोरेल को मार्च 2019 में यात्रियों के लिए खोला गया था। 2014 में एमएमआरडीए द्वारा चेंबूर से वडाला तक के लिए 8.8 किमी का पहला चरण खोला गया था। इस मार्ग पर यात्रियों की संख्या ज्यादा न होने और खर्च अधिक होने इसके संचालन और रखरखाव पर असर पड़ता रहा है। हालांकि एमएमआरडीए ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को आकर्षित करने प्रयास करता रहा है। स्पेयर पार्ट्स की सोर्सिंग और नए कोच की व्यवस्था भी की जा रही है। एमएमआरडीए ने 2021-22 में 29.25 करोड़ रुपये का लक्ष्य बनाया है, जबकि इस वित्त वर्ष में लगभग 8 करोड़ रुपये ही एकत्र हो पाया है। कोविड महामारी की वजह से मोनो के संचालन पर और भी असर पड़ा है।