बरसात रुकी, दुर्घटना जारी, 1 मौत, और 3 जख्मी

Loading

  • पेड़ गिरे, भूस्खलन हुआ
  • बीएमसी कमिश्नर ने खुद लिया राहत कार्यों का जायजा

मुंबई. मुंबई में 2 दिन रौद्र रूप दिखाने के बाद गुरुवार को बरसात का जोर धीमा पड़ गया, लेकिन बरसात के बाद दुर्घटना का दौर जारी रहा. गुरुवार सुबह 11.30 बजे प्रभादेवी स्थित 2 मंजिली ओमकार बिल्डिंग ढह गई, हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ. बुधवार को करंट लगने और पेड़ गिरने से 3 लोग घायल हो गए थे, जबकि गुरुवार को करंट लगाने से एक रेलवे कर्मचारी की मौत हो गई. जबकि गुरुवार सुबह साईं बाबा मंदिर, मस्जिद बंदर में रेलवे कर्मचारी संजीव (22) को करंट लगने के बाद इलाज के लिए बांबे अस्पताल ले जाया गया जहां डाँक्टरों ने एडमिट करने से पहले मृत घोषित कर दिया.

दीवार ढह गई

बीएमसी के डिजास्टर मैनेजमेंट के अनुसार, प्रभादेवी सयानी मार्ग पर जयप्रभा और ओमकार दोनों इमारत दो मंजिला हैं और आपस में सटी हुई हैं. गुरुवार को ओमकार की पहली और दूसरी मंजिल की दीवार ढह गई. दुर्घटना से पहले ही निवासियों ने बाहर भाग कर अपनी जान बचाई. दुर्घटना की सूचना मिलने फायर ब्रिगेड पहुंची लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ.

मलबार हिल में भूस्खलन

 मलबार हिल इलाके में तूफानी हवाओं से 50 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए जिसके कारण भूस्खलन हुआ. पेड़, मिट्टी और पत्थर का मलबा सड़क पर गिरने से सड़क और फ्लाईओवर का यातायात पूरी तरह से बंद हो गया. कमला नेहरू पार्क से पेडर रोड़ तक बनाई गई सुरक्षा दीवार में कुछ स्थानों पर दरार आने से पूरी सुरक्षा दीवार के दरकने का खतरा बढ़ गया है. सुबह बीएमसी कमिश्नर और थोड़ी देर बाद दक्षिण मुंबई के शिवसेना सांसद अरविंद सावंत, महापौर किशोरी पेडणेकर, बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त संजीव जयसवाल मौके पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचे. बुधवार को बाबुलनाथ जंक्शन और केम्स कार्नर के पास भी चट्टान गिरी थी. बीएमसी कमिश्नर ने अतिशीघ्र रास्ता साफ कर ट्रैफिक बहाल करने के आदेश दिए.

 बीएमसी ने रिसीव किए 3202 कॉल्स  

बीएमसी के अनुसार बुधवार सुबह 8 बजे से गुरुवार सुबह 8 बजे तक बीएमसी की हेल्प लाइन 1916 पर आपातकालीन मदद पाने के लिए 3202 फोन कॉल्स प्राप्त हुई थी. फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ, बीएमसी कर्मचारियों ने लोगों की सहायता की. इस नंबर पर कॉल कर मुंबई के निवासी कोई भी सहायता मांग सकते हैं या सूचना दे सकते हैं.  

24 घंटे में 361 पेड़ धराशायी

मुंबई में 3 दिन से हो रही मूसलाधार बारिश और 101 किमी से रफ्तार से चली हवा से 24 घंटे के दौरान 361 पेड़ धराशायी है गए. 150 पेड़ जड़ से उखड़ गए. बड़ी संख्या में पेड़ गिरने से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा है. बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने बताया कि मुंबई में जगह- जगह गिरे पेड़ों की छंटनी कर हटाने का कार्य किया जा रहा है. काकानी ने बताया कि जड़ से उखड़े 150 पेड़ों में से 140 पेड़ को हटा लिया गया है. बचे हुए पेड़ों को हटाने का कार्य चल रहा है. 200 पेड़ की टहनियां टूटी थी जिससे कोई नुकसान नहीं हुआ है.

पेड़ों की सुरक्षा के प्रति बीएमसी उदासीन

मुंबई की पथरीली मिट्टी में पेड़ों की जड़ें गहराई तक नहीं जाने से बरसात में पेडों का गिरना शुरु हो जाता है. पर्यावरण प्रेमी जोरु बथेना ने कहा कि बीएमसी का पेड़ों के प्रति उदासीन रवैया इसके लिए जिम्मेदार है. नेचर को पेड़ गिरने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है. बरसात में पेडों की जड़ें हिल जाती है इसके लिए बीएमसी ही जिम्मेदार है. सही समय पर पेडों की छंटनी नहीं की जाती है. बाथेना ने आरोप लगाया कि बरसात में जितने पेड़ गिरते हैं, उससे दोगुना पेड़ बीएमसी को लगाना अनिवार्य होते हुए भी बीएमसी पेड़ नहीं लगाती है. इसके अलावा अब तक कहां और कितने पेड़ लगाए गए, इसकी कोई जानकारी भी शेयर नहीं की जाती है.

रिकार्डतोड़ बारिश

अगस्त महीने में बुधवार को हुई 12 घंटे की बरसात ने 46 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया. कोलाबा में 359.88 मिमी वर्षा दर्ज की गई. इससे पहले 1974 में एक दिन में 264 मिमी बरसात हुई थी.