- हजारों यात्रियों की मुसीबत होगी दूर
नागपुर. कोरोना संक्रमण के कारण 25 मार्च से 31 मई तक पूरे देश में सख्त लॉकडाउन लगा रहा. ऐतिहासिक रूप से देशभर में 12,000 यात्री ट्रेनों के पहिये तक थाम दिये गये. लेकिन 1 जून से ट्रेनों को परिचालन शुरू किया गया. हालांकि इनमें किसी प्रकार की रियायत व अन्य यात्री सुविधाओं में भारी कटौती की गई. धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या में बढ़कर 1,000 के पार हो चुकी है और अब यात्रियों का प्रतिसाद भी नजर आने लगा है. हालांकि केवल कन्फर्म टिकट वाले यात्री ही सफर कर पा रहे हैं.
ट्रेनों की बढ़ती संख्या के बीच अब मासिक सीजन टिकट शुरू की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. उपराजधानी होने से नागपुर शहर शिक्षा व व्यापार का केन्द्र है. विदर्भ और पड़ोसी राज्यों में बड़ी संख्या में लोग यहां रोजगार भी पाते हैं. ऐसे में आसपास के शहर में घर होने से उन्हें पहले एमएसटी के सहारे सफर करने से आर्थिक बचत का सहारा मिल जाता था जो अब पूरी तरह से बंद है.
हर दिन हजारों हो रहे प्रभावित
नागपुर शहर के लिए काटोल, नरखेड़, पांढुरना, आमला, बैतूल, भंडारा, तुमसर, गोंदिया, सेवाग्राम, वर्धा, अमरावती, वरोरा, हिंगनघाट जैसे छोटे शहरों के अलावा कई गांवों के लोग हर दिन ट्रेनों का सफर करते थे. इनमें नौकरीपेशा और व्यापारियों के अलावा बड़ी संख्या में विद्यार्थी और अन्य गतिविधियों से जुड़े आम लोग भी होते थे. हर दिन की यात्रा के लिए इनका सहारा एमएसटी बनती थी. लेकिन अभी तक रेलवे ने इन नियमित यात्रियों को तथा जो रोजी-रोटी या पढ़ाई आदि जरूरी कार्य से रेलों में यात्रा करते थे, उन्हें ट्रेनों में अप-डाउन करने की छूट नहीं दी है. एमएसटी से यात्रा करने की छूट नहीं मिलने से कई जरूरतमंद नियमित यात्रियों का करोबार प्रभावित हुआ है. एमएसटी धारक भी नियमों का पालन करते हुए यात्रा करने को आतुर हैं. लेकिन उनके लिए रेलवे ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, जिससे रेलवे और यात्रियों दोनों पक्ष को घाटा हो रहा है.
बेरोजगारों का भी बड़ा सहारा
लगातार कई वर्षों से नागपुर शहर के लिए एमएसटी के सहारे अप-डाउन से करने वाले यात्रियों का कहना है कि जब पूरा देश खुल चुका है तो फिर रेलवे ने भी अब एमएसटी से यात्रा करने की छूट देनी चाहिए. कई ऐसे शिक्षित बेरोजगार युवा अप-डाउन कर ही अपनी छोटी-मोटी नौकरी या कारोबार के सहारे जीवन चला रहे थे. अब सबकुछ ठप पड़ गया है क्योंकि कम वेतन या आय में नागपुर जैसे शहर में रहकर नौकरी या कारोबार करना उनके लिए नुकसान का सौदा साबित हो रहा है.
रेलवे के लिए फायदेमंद ही है MST
रेलवे द्वारा एमएसटी धारकों को किराये में छूट दी जाती है. पहले कहा जाता था कि इससे रेलवे को नुकसान होता है. लेकिन इन नियमित यात्रियों ने भी रेलवे को बड़ा फायदा पहुंचाया है और वह भी एडवांस पैसा देकर, क्योंकि एमएसटी बनवाने से पहले महीनेभर की राशि पहले ही जमा करते आ रहे थे. साथ ही रेलवे को एमएसटी धारकों द्वारा हर माह टिकट के जरिये आय मिलनी तय रहती थी. ऐसे में रेलवे ने इन यात्रियों का भी ख्याल रखना चाहिए ताकि इस कोरोना काल में ट्रेनों के साथ ही उनका जीवन भी पटरी पर आ सके.