मुख्य अधिकारी ने पेश की इंसानियत की अनोखी मिसाल

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  • आधी रात किया कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार
  • अंतिम संस्कार करने से घबरा रहे थे सफाई कर्मी

मुक्ताईनगर. मुक्ताईनगर की नवागत महिला मुख्य अधिकारी ने इंसानियत की अनोखी मिसाल पेश की है. आधी रात तक श्मशान भूमि में रुक कर कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का अंतिम संस्कार स्वयं अपने हाथों से कराकर आश्चर्यचकित अनुभूति ज़िला वासियों को कराई है. स्वच्छता कर्मी अंतिम संस्कार कराने से घबरा रहे थे उनकी घबराहट को देखकर स्वयं नगर पालिका मुख्य अधिकारी ने कर्मियों के बीच उपस्थित होकर सक्रिय भूमिका निभाकर अंतिम संस्कार करा कर मानवता का उदाहरण दिया है.

चंद्रपुर जिले से स्थानांतरित अश्विनी गायकवाड़ ने एक महीने पहले ही मुक्तताई नगर पालिका परिषद प्रमुख के रूप में बागडोर संभाली है. उनके इस सामाजिक दायित्व के कारण सभी स्तरों पर उनकी सराहना की जा रही है. 

पीपीई किट पहन कर पहुंचे कर्मी

सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे एक कोरोना मरीज की मंगलवार देर रात मौत हो गई और मृतक मरीज का अंतिम संस्कार करने की जिम्मेदारी सफाई कर्मचारियों पर आ गई. जिसके कारण स्वच्छता कर्मियों में घबराहट का माहौल निर्माण हो गया.इस प्रकार की सूचना मिलते ही मुख्याधिकारी अश्विनी गायकवाड ने रात 11 बजे नगर पालिका कर निरीक्षक अच्युत निल से मोबाइल से संपर्क स्थापित कर अन्य कर्मियों को बुलाया. कर निरीक्षक अच्युत निल, सचिन काठोके, सुनील चौघरी, रत्नदीप कोचुरे, गणेश कोली, गोपाल लोहेरे, राहुल पाटील बिना कोई विलंब के पीपीई किट पहन कर मौके पर पहुंचे. 

सभी के साथ मौके पर डटी रहीं गायकवाड

सभी कर्मी मुख्याधिकारी अश्विनी गायकवाड के नेतृत्व में अंतिम संस्कार कराने की जिम्मेदारी उठाई और कोविड़ अस्पताल से शव को लेकर नपा कर्मियों ने  रात 11:00 बजे विधि विधान के पूर्वक अंतिम संस्कार कराए जाने की तैयारी शुरू की. लकड़ियों का इंतजाम किया गया और अन्य सामग्री को लाया गया. मृतक की लड़की और पुत्र के साथ मुख्य अधिकारी रात 11:30 बजे श्मशान भूमि पहुंची. रात एक बजे तक कोरोना संक्रमित व्यक्ति का अंतिम संस्कार पूरा किया. महिला उनके बावजूद मुख्याधिकारी गायकवाड ने पूरी निडरता से कर्मियों के कंधा से कंधा मिलाकर खड़ी रही.