Dada Bhuse

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    नाशिक. मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून (Monsoon) समय पर आने की संभावना है। एक तरफ लॉकडाउन (Lockdown) और दूसरी तरफ रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer) के आसमान छूते दाम ने किसानों (Farmers) को दोहरे संकट में डाल दिया है। सामान्य तौर पर चीन (China) जैसे देशों से इन उर्वरकों के उत्पादन के लिए आने वाले कच्चे माल की कीमतों पर असर पड़ा है। नतीजतन पिछले सीजन की तुलना में इस साल खाद की कीमतें आसमान छू गई हैं।

    राज्य के कृषि मंत्री भुसे ने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि खाद को पिछले सीजन की तरह ही दरों पर बेचा जाए। पिछले एक साल से किसानों को लॉकडाउन, बेमौसम बारिश, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और अन्य कारणों से वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस साल मानसून की शुरुआत के साथ ही खरीफ की तैयारियां भी जोर पकड़ रही हैं। इस संबंध में बीज और रासायनिक खाद का संग्रहण भी शुरू हो गया है। इस साल रासायनिक खाद की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। इस स्थिति का जिक्र राज्य के कृषि मंत्री भुसे ने केंद्रीय रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा को लिखे पत्र में किया है।

    नए दर को किया जाए रद्द

    भुसे ने मांग की है कि महाराष्ट्र में जो किसान पहले से ही बेमौसम बारिश और लॉकडाउन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, उन्हें पिछले सीजन के रासायनिक खाद की दरों को स्थिर रखते हुए सेवाएं प्रदान की जानी चाहिए। पत्र में यह भी कहा गया है कि केंद्र इस सीजन में बढ़ी हुई दरों को अपने स्तर पर रद्द करे।

    इस वर्ष रासायनिक खाद के उत्पादन के लिए चीन जैसे देशों से कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि का उर्वरकों की कीमत पर प्रभाव पड़ा है। ऐसे अन्य कारक हैं जो इसमें योगदान करते हैं। लेकिन, यदि आवश्यक हो तो रासायनिक उर्वरकों का उपयोग किया जाता है, यह किसानों की अर्थव्यवस्था को आधार देगा।

    -अंकुश खांडवे, प्रबंधक, अंकुश एग्री सर्च