weather center NASHIK

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    नाशिक. खेती के लिए घातक साबित होने वाले आसमानी संकट का सामना करने और स्थानीय किसानों (Farmers) को मदद (Help) होने वाले तीन मौसम केंद्र (Weather Centers) विकसित करने के लिए सह्याद्री फार्म्स कंपनी (Sahyadri Farms Company) ने एक कदम बढ़ाया है। नासा संस्था से वापस आए डॉ. पराग नॉर्वेकर के सहयोग से सह्याद्री ने काम शुरू किया है। इस मौसम केंद्र से मिट्टी, पानी, फसल व्यवस्थापन, फसल बीमा के तहत मौसम के विविध निकष का डाटा प्लॉट निहाय उपलब्ध होने वाला है। इसके चलते खेती करना आसान होगा और किसान अपडेट रहेंगे। यह जानकारी सह्याद्री के संस्थापक विलास शिंदे ने दी। 

    इस उपक्रम के माध्यम से सह्याद्री ने खुद की सहयोगी कंपनी शुरू की है। आईआईटी मुंबई से इंजीनियर और नासा में कार्यरत होने वाले डॉ. पराग नार्वेकर की सेन्सरटिक्स कंपनी वेदर स्टेशन्स के निर्माण के लिए सहयोगी कंपनी के रूप में योगदान देगी।

    पहले के प्रकल्पों में विदेशी कंपनी से मौसम केंद्र आयात किया जाता था। इसके लिए प्रति स्टेशन 1 लाख 60 हजार रुपए खर्च करने पड़ते थे। अब हम कंपनी गठित कर किसानों की जरूरत के अनुसार तीन प्रकार में मौसम केंद्र विकसित किए है। 500 मौसम केंद्र खोलने का हमारा लक्ष्य है।

    -विलास शिंदे, अध्यक्ष, सह्याद्री फार्म्स

    हार्डवेयर और साफ्टवेयर के उपयोग से मोहाडी में वेदर स्टेशन्स का निर्माण की जा रही है। इसके लिए आवश्यक सेन्सर्स व इलेक्ट्रिक कंट्रोलर्स आदि जरूरतमंद 80 प्रतिशत उपकरण स्थानीय जगह पर तैयार की गई है। अच्छी खेती के लिए इसका स्थानीय किसानों को लाभ होगा।

    -डॉ. पराग नार्वेकर, कार्यकारी संचालक, सह्याद्री-सेंसरटिक्स