त्र्यंबकेश्वर. ब्रह्मगिरी पर्वत (Brahmagiri Mountain) पर उत्खनन करने वालों पर राजस्व विभाग (Revenue Department) के कार्रवाई करते ही वन विभाग (Forest Department) भी आगे आ गया है। वन विभाग की हद की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इसके लिए प्रत्यक्ष जायजे के आदेश के साथ उप वनसंरक्षक ने टीम के साथ मौका मुआयना किया।
इस दौरान गौण खनिज भूमि की संपत्ति लूटी जाने वाली जगह वन विभाग की नहीं पाई गई, लेकिन किसी भी कारण से भूमाफियाओं को छूट ना मिले, इसके लिए वन विभाग की हद की ‘क्रॉस चेकिंग’ होगी। भूमि अभिलेख के दस्तावेज की जांच के निर्देश उप वनसंरक्षक पंकज गर्ग ने दिए हैं।
वन अपराध के तहत चलेगा मुकदमा
ब्रह्मगिरी पर्वत को काटने वालों के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद से तमाम एजेंसियां मामले की जांच कर रही हैं। त्र्यंबकेश्वर के अतिरिक्त वन रेंजर विवेक भदाणे ने शुरू में कहा कि भूमि वन सीमा के भीतर नहीं है, लेकिन जिला कलेक्टर के आदेश देते ही राजस्व, वन, पुरातत्व व अन्य व्यवस्थाओं पर भी काम शुरू हो गया। प्रत्येक विभाग ने अपने अधिकार क्षेत्र के अनुसार स्थल और उत्खनन मामले की जांच शुरू कर दी है। उप वन संरक्षक गर्ग और सहायक वन संरक्षक गणेश झोले सहित टीम ने ब्रह्मगिरी के पास वन सीमा का निरीक्षण किया। इस प्रारंभिक निरीक्षण में सीमा के पास कहीं भी कोई अतिक्रमण या घुसपैठ नहीं मिली, लेकिन सीमांकन, जमीन के लेन-देन, पूर्व मालिक, निजीकरण के बाद सीमांकन, पिछली सीमाओं का सत्यापन करने का निर्देश दिया गया है। परिणामस्वरूप यदि भू-माफियाओं ने जबरन वन सीमाओं को हड़प लिया तो उन पर वन अपराध के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। त्र्यंबकेश्वर की वन सीमा के सत्यापन के बाद प्रशासनिक एजेंसियों ने यह जांचने के लिए कदम उठाए हैं कि क्या नाशिक की पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं में पहाड़ियों के पास ऐसी घुसपैठ हुई है। नतीजा यह है कि क्षेत्र के पहाड़ी इलाकों में जमीन हथियाने वालों में हड़कंप मच गया है।
देखने में आया कि 'ब्रह्मगिरी' के पास उत्खनन वाला स्थान वन सीमा में नहीं है। यह सुनिश्चित करने के लिए भूमि के सभी दस्तावेजों, भूमि अभिलेखों की जांच की जा रही है। यदि दस्तावेजों में कोई विसंगति पाई जाती है तो हम वन अपराध के तहत कार्रवाई करेंगे।
-पंकज गर्ग, उप वन संरक्षक