Nitin Gadkari

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    ओम प्रकाश मिश्र 

    रांची. आप मेरी शर्तों को मानिए, मैं झारखंड की सड़कों को अमेरिका और वेस्टर्न यूरोप की सड़कों जैसा बना दूंगा। आपने 675 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है, मैं आपको 5000 करोड़ रुपए दूंगा, मेरे पास पैसों की कमी नहीं है। आपको जितने सड़क, फ्लाई ओवर ब्रिज चाहिए वो सब मै दूंगा, आप सड़क बनाने की मेरी शर्तों को सिर्फ पूरा कीजिए, मैं पैसे की कमी नहीं होने दूंगा। झारखंड (Jharkhand) की सड़क परियोजना (Road project), सड़क निर्माण को लेकर केन्द्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने दलगत नीति और राजनीतिक पहलु से ऊपर उठकर विकास के मद्देनजर उन्मुक्त स्वर में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से ये वादा किया। भारतमाला सड़क परियोजना के तहत केंद्र सरकार के पास झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 675 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव पर मुखर होकर पूरी संजीदगी से गडकरी ने सोरेन से कहा कि सड़क परियोजना का आपका प्रस्ताव 675 करोड़ का है, मैं आपको केंद्र से इस वर्ष की सड़क निर्माण परियोजना के तहत 5000 करोड़ रुपए दूंगा और झारखंड की सड़कों को विश्वस्तरीय गुणवता वाला बना दूंगा। गडकरी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हेमंत सोरेन से सम्पर्क कर कहा कि आप सिर्फ हमारी शर्तों को पूरा कीजिए हम झारखंड की सड़कों को अमेरिका और वेस्टर्न यूरोप की सड़कों की तरह बना देंगे।

    झारखंड में अमेरिका और यूरोप सरीके सड़क निर्माण के लिए गडकरी ने हेमंत सोरेन के पास जो शर्तें रखी है उसमे, लोक निर्माण विभाग (पीडब्लूडी) के सचिव से बात कर पथ निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर किया जाना, गुणवत्तापूर्ण भूमि अधिग्रहण (क्वालिटी लैंड इक्विजेशन) का काम निर्धारित समय पर पूरा किया जाना और वन विभाग द्वारा पर्यावरण अनापत्ति की स्वीकृती (नो ऑब्जेक्शन) लेने सम्बन्धी शर्तें शामिल हैं। 

    झारखंड के लिए संजीवनी की तरह साबित होगा

    वर्ष 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद यूँ तो इसके विकास का कार्य बहुत तेजी से नहीं हुआ है, पर गडकरी के वादे पुरे हुए और हेमंत सोरेन विकास कार्यो, खास कर सड़क परियोजना को सुदृढ़ रूप से पूरा करने के अपने इरादों में प्रतिबद्ध रहे तो आने वाले तीन वर्षों में सड़क के मामले में झारखंड विश्व श्रेणी के स्तर पर खड़ा हो जाएगा। यहां विश्व स्तरीय गुणवता वाली सड़कें बनेगी, जिससे झारखंड का चातुर्दिक विकास संभव हो पायेगा। वैसे भी किसी भी देश या राज्य के विकास में गुणवत्ता वाले सुदृढ़ मजबूत सड़कें महत्वपूर्ण घटक मानी जाती हैं, झारखंड में सड़क निर्माण कार्य संपन्न होना झारखंड के लिए संजीवनी की तरह साबित होगा।

    निर्धारित समय में पूरा होगा भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना! 

    हाल ही में 3 अप्रैल को गडकरी ने झारखंड में 21 सड़क निर्माण परियोजना अंतर्गत 14 सड़क परियोजना का विधिवत शिलान्यास और 7 सड़क परियोजना का लोकार्पण किया था। कार्यक्रम के बाद हेमंत सोरने ने नितिन गडकरी के पास सड़क निर्माण के मुद्दे को जिस शालीनता और गंभीरता से उठाया उसे पूरा करने में गडकरी ने भी भरपूर उदारता दिखायी है। नितिन गडकरी और हेमन्त सोरेन के बीच हुई बातचीत से ये उम्मीद बंधी है कि जिस सिद्दत से भारतमाला सड़क निर्माण परियोजना का कार्य आरम्भ किया गया है, वो कार्य अब बाधित नहीं होगा और अपने निर्धारित समय में अपने कार्य सम्पन्नता के लक्ष्य को पूरा कर लेगा।

    झारखंड को मिलेगी समुचित हिस्सेदारी

    गडकरी ने विश्वास दिलाया है कि देश के सबसे महत्वपूर्ण भारतमाला सड़क परियोजना के दुसरे चरण में झारखंड को समुचित हिस्सेदारी मिलेगी।  फ़िलहाल इस योजना के तहत नितिन गडकरी की शर्तों को पूरी करने की राह में झारखंड सरकार के सामने सबसे बड़ी बाधा है वन पर्यावरण का अनापत्ति की स्वीकृती प्रमाण पत्र प्राप्त करना। वन एवं पर्यवरण विभाग ने सड़क निर्माण कार्य को लेकर ख़ुशी तो जाहिर की है पर इस बात पर बेहद नाराजगी जताई है कि सड़क निर्माण और सड़क चौड़ीकरण कार्य में सड़क किनारे लगे वर्षों पुराने सभी पेड़ काट दिए गए जिससे पर्यावरण को काफी क्षति पहुंची है और संभवतः इस बात पर वन एवं पर्यावरण विभाग झारखंड सरकार को इस बात की कतई सहमती ना दें। इस मुद्दे की चर्चा हेमंत सोरेन ने नितिन गडकरी से की है जिसके जवाब में गडकरी ने कहा कि आप अपने स्तर से इस मामले का निपटारा कर लें अदि कोई अड़चन आए तो उन्होंने कहा कि वे खुद केन्द्रीय वन पर्यावरण मंत्री से इस मामले में बात करेंगे। 

    सड़क निर्माण कार्य बाधित न होने पाए : गडकरी

    गडकरी ने कहा की सड़क निर्माण कार्य में कोई पदाधिकारी अड़चन पैदा करे तो वीआरएस देकर वैसे लोगों की छुट्टी कर दीजिए पर सड़क निर्माण कार्य बाधित न होने पाए। नितिन गडकरी के हौसले और उत्साह को देखकर लग रहा है कि आने वाले कल में झारखंड विश्व स्तर पर खड़ा हो जाएगा क्योंकि यहां का वातावरण, जलवायु, प्राकृतिक संरचना, झारखंड को वैश्विक वातावरण और जलवायु की तुलना में सबसे अलग बनाता है बस यदि कमी है तो उम्दा सड़क की और अब इसे भी पूरा करने की दिशा में प्रयास आरंभ हो गया है।