PMC

    Loading

    पुणे.  केंद्र सरकार (Central Government) की ओर से केंद्रीय कर्मियों के लिए 1 जनवरी 2016 से 7 वां वेतन (7th Pay Commission) लागू किया गया है इसके अनुसार, इन कर्मियों को वेतन (Wages) अदा किया जाता है इसी तर्ज पर राज्य सरकार (State Government) ने भी अपने कर्मियों के लिए आयोग लागू किया है महानगरपालिका पर भी यह आयोग लागू होता है मनपा कर्मियों के वेतन श्रेणी में सुधार करने के सरकार ने कहा था, लेकिन महानगरपालिका कर्मियों के ग्रेड पे की वजह से यह मामला रुका हुआ था  महानगरपालिका कमिश्नर ने  ग्रेड पे और वेतन बैंड का सूत्र रखकर सुधारित वेतनश्रेणी लागू की है इससे संबंधित प्रस्ताव प्रशासन द्वारा मंजूरी के लिए नैमित्तिक समिति के समक्ष रखा था 

    कई दिनों से इसे मंजूरी नहीं मिल रही थी आखिरकार मूल प्रस्ताव को 20 उपसुझाव देकर हाल ही में नैमित्तिक समिति द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है उसके बाद अब स्थायी समिति ने भी इसे मंजूरी दी है अब इस पर आम सभा में इस पर फैसला होने के बाद उसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा, लेकिन आम सभा ना होने के चलते यह प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ था हाल ही में सत्ताधारी पार्टी ने ऑनलाइन सभा लेकर इस पर चर्चा करने का प्रयास किया था, लेकिन नगरसेवकों ने उप सुझावों की बारिश की, नतीजा सभा स्थगित करनी पड़ी अब इस पर 10 मार्च की सभा में अंतिम फैसला होगा

    मनपा कर्मियों को अभी तक नहीं मिला था लाभ

    ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने वेतन आयोग लागू करने के लिए राज्य सरकार और उनके दायरे में आनेवाली स्थानीय निकाय संस्थाओं को भी वेतन आयोग लागू किया जाता है केंद्र और राज्य के कर्मियों को वेतन आायोग का लाभ मिल रहा है, लेकिन महानगरपालिका के कर्मियों को अभी तक लाभ नहीं मिल पाया है, जबकि इसको लेकर लोकप्रतिनिधि और मजदूर युनियन द्वारा भी आयोग लागू करने की मांग की जा रही थी साथ ही स्थायी समिति ने भी वेतन आयोग लागू करने से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी तक इसका लाभ महानगरपालिका के कर्मियों को नहीं मिल रहा है क्योंकि वेतन श्रेणी में बदलाव या सुधार करने के लिए एक नैमित्तिक समिति बनाना अनिवार्य होता है जो महानगरपालिका की ओर से 2009 साल में 11 सदस्यों की एक समिति बनायी थी, लेकिन उसके बाद समिति का गठन नहीं हुआ था

    नियमावली तैयार की है

    विगत साल ही इसका गठन होना जरूरी था,  लेकिन ऐसा ना होने से मनपा कर्मियों को वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पा रहा था अब समिति भी गठित की गयी हैसाथ ही अब तो सरकार ने भी हाल ही में विधिमंडल में वेतन आयोग लागू करने के निर्देश दिए थे सरकार ने विधिमंडल ने इसका निर्णय लेने के बाद विगत साल 2 अगस्त को सरकार ने इसके निर्देश जारी किए थे इसके अनुसार वेतन श्रेणी में सुधार करने से संबंधित प्रस्ताव मनपा आम सभा में रखें इसके अनुसार प्रशासन ने वेतन आयोग को लेकर नियमावली तैयार की है 

    ग्रेड पे की वजह से रुका हुआ था मामला

    महानगरपालिका कर्मियों के ग्रेड पे की वजह से यह मामला रुका हुआ था नतीजा प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव नहीं रखा जा रहा था, लेकिन अब इसका रास्ता साफ हो गया है मनपा कमिश्नर ने सुवर्ण मध्य निकालकर ग्रेड पे और वेतन बैंड का सूत्र रखकर सुधारित वेतनश्रेणी लागू की है इससे मनपा कर्मियों का ज्यादा नुकसान नहीं होनेवाला है प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार के तौर पर ग्रेड पे देते समय यह सूत्र लागू किया हैसाथ 2006 से किसी भी कर्मी के वेतन तफावत की वसूली नहीं की जाएगी इससे मनपा कर्मियों को राहत मिल गई है इस बीच 1 जनवरी 2016 से अब तक का तफावत का वेतन देने के लिए 440 करोड़ की लागत आएगी यह राशि विभिन्न 5 हफ्तों में दी जाएगी साथ ही वेतन लागू होने के बाद मनपा पर प्रति माह 17 करोड़ का बोझ आएगा इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए नैमित्तिक समिति के समक्ष रखा गया था कई दिनों से इसे मंजूरी नहीं मिल रही थी आखिरकार मूल प्रस्ताव को 20 उपसुझाव देकर हाल ही में नैमित्तिक समिति द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है उसके बाद स्थायी समिति ने भी इसे मंजूरी दी है इस बीच, इसके लिए जो उप सुझाव दिए गए है, वह वैध नहीं है ऐसा प्रशासन का मानना है इस वजह से सरकार के पास ये उप सुझाव टिक नहीं पाएंगे सरकार प्रशासन का प्रस्ताव मंजूर करेगी

    उपसुझावों की हुई बारिश 

    इस बीच, इस पर आम सभा में इस पर फैसला होने के बाद उसे राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा, लेकिन आम सभा ना होने के चलते यह प्रस्ताव लंबित पड़ा हुआ था आम सभा लेने सरकार मंजूरी नहीं दे रही है इससे कर्मी परेशान हो रहे थे हाल ही में सत्ताधारी पार्टी ने ऑनलाइन सभा लेकर इस पर चर्चा करने का प्रयास किया था, लेकिन नगरसेवकों ने उप सुझावों की बारिश की इस वजह से सभागृह नेता गणेश बिड़कर ने सभा स्थगिती का प्रस्ताव दिया, नतीजा सभा स्थगित करनी पड़ीअब इस पर 10 मार्च की सभा में अंतिम फैसला होगा