Karnataka Oxygen Shortage: Severe shortage of oxygen amid rising corona cases in Karnataka
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    पिंपरी. कोरोना (Corona) के मरीजों (Patients) की संख्या बढ़ते जाने से अस्पतालों (Hospitals) में ऑक्सीजन (Oxygen) की भारी किल्लत निर्माण हो रही है। इसे दूर करने के लिए स्थानीय निकायों से लेकर केंद्र और राज्य सरकार हर स्तर पर प्रयास जारी है। इस बीच पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) प्रशासन ने शहर के निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइंस (Guidelines) जारी की है। इसमें निजी अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि ऑक्सीजन का इस्तेमाल सोच समझकर करें और बेहद जरूरतवाले मरीजों को प्राथमिकता से ऑक्सीजन दें।

    पिंपरी-चिंचवड़ शहर के 135 निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इन अस्पतालों के 9,000 बेड कोरोनरी मरीजों के लिए आरक्षित हैं। वर्तमान में कोरोनरी धमनी रोग के रोगियों में श्वसन संबंधी शिकायतें बढ़ने के कारण अधिक से अधिक रोगियों को ऑक्सीजन की आवश्यकता हो रही है। हालांकि ऑक्सीजन की सीमित आपूर्ति और मांग में वृद्धि के कारण ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। इसके चलते मनपा प्रशासन ने सोच समझकर और उचित तरीके से ऑक्सीजन इस्तेमाल करने और प्रभावित रोगियों का प्रबंधन करने की अपील की है। इसके लिए निजी अस्पतालों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सभी अस्पतालों द्वारा ऑक्सीजन का उपयोग सीमित और उचित तरीके से किया जाना चाहिए। मनपा ने ऑक्सीजन की संभावित कमी से बचने के लिए सहयोग की भी अपील की है।

    क्या है गाइडलाइंस

    • सुनिश्चित करें कि अस्पताल में भर्ती कोरोनरी धमनी रोगियों को वास्तव में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
    •  रोगी के सैच्युरेशन स्तर को 92 तक बनाए रखने के लिए ऑक्सीजन की आवश्यक मात्रा का उपयोग करें।
    • रोगी के चेहरे के आकार के आधार पर छोटे या बड़े आकार के मास्क लगाकर ऑक्सीजन अधिकतम प्रदान करें। इससे ऑक्सीजन का रिसाव नहीं होगा।
    • जिन रोगियों को ऑक्सीजन के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए मास्क की आवश्यकता नहीं है।उन्हें मास्क के बजाय नसल प्रोलग्स के माध्यम से ऑक्सीजन प्रदान करें, तो ऑक्सीजन का अपव्यय नहीं होगा।
    • आईसीयू यूनिट और वेंटिलेटर पर मरीजों की स्थिति में सुधार होने पर उन्हें समय पर ऑक्सीजन यूनिट या वार्ड में स्थानांतरित करें।
    • समय-समय पर अस्पताल में पूरे ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रणाली का ऑडिट करें।
    • ऑक्सीजन बचाने के लिए HFNO का संयम से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।