Mayor-Commissioner protests against problems

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ड्यूटी के दौरान मारे गए और घायल हुए कर्मचारियों को मुआवजा देने की मांग

पुणे. कोरोना महामारी के संक्रमण से पूरे विश्व सहित हमारा देश भी जूंझ रहा है. ऐसे में अपनी जान जोखिम में डाल कर एमएसईबीके कर्मचारी दिन-रात काम में जुटे हैं, तांकि आम जनता को कोई परेशानी न हो. इस दौरान अपनी ड्यूटी निभाते हुए 8 ठेका कर्मचारियों की मौत भी हो गई. लेकिन प्रशासन ने इन घटनाओं को पूरी तरह से नजर अंदाज कर दिया, जिसके कारण इन मृतक कर्मचारियों के परिवार सड़क पर आ गए है. संगठन द्वारा प्रशासन से पत्राचार करने के बाद भी अभी तक इन मृतकों के परिजनों को कोई मुआवजा तक नहीं दिया गया. इन 8 कर्मचारियों के अलावा अन्य 12 ठेका कर्मचारी काम के दौरान घायल हो गए और उनकी हालत भी गंभीर बनी हुई है. लेकिन एमएसईबी के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना काम करनेवाले कर्मचारियों की प्रशासन को बिल्कुल भी चिंता नहीं है. इसलिए इन ठेका कर्मचारियों ने आगामी 7 जुलाई से अनिश्चित कालीन काम बंद आंदोलन की घोषणा की है.

इस संदर्भ में दिए गए ज्ञापन में ठेका कर्मचारियों ने प्रशासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करने का प्रयास किया है कि, जिस प्रकार महाराष्ट्र सरकार ने औरंगाबाद में रेलवे दुर्घटना से मारे गए 16 लोगों को 5-5 लाख मुआवजा दिया, उसी प्रकार ड्यूटी के दौरान मारे गए बिजली ठेका कर्मचारियों को भी मुआवजा दिया जाए. मृत व दुर्घटना में घायल हुए बिजली कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए संगठन ने 15 जून से सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए आंदोलन की श्रृंखला चलाने का निश्चय किया है. यह जानकारी महाराष्ट्र बिजली ठेका कामगार संघ के महामंत्री सचिन मेंगाले ने यहां आयोजित एक पत्रकार परिषद में दी.

श्रृंखलाबद्ध आंदोलन की रूपरेखा

15 जून को सभी ठेका कर्मचारी कालीपट्टी लगाकर काम करेंगे. 25 जून को शासकीय नियमों का पालन करते हुए और सामाजिक दूरी रखकर जिलाधिकारी, कामगार आयुक्त कार्यालय, तहसील कार्यालय, ईएसआय, पीफ ऑफिस के सामने निषेध व्यक्त करेंगे. 1 जुलाई को अधीक्षक अभियंता, मुख्य अभियंता कार्यालय के सामने 1 से 2 अवकाश के समय में नारेबाजी व बोर्ड दिखाकर आंदोलन करेंगे. 7 जुलाई से सभी MSEB के ठेका कर्मचारि अपनी मांगों को लेकर अनिश्चित कालिन काम बंद आंदोलन करेंगे.

ये हैं कर्मचारियों की मांगे

मृत कर्मचारियों के परिजनों को तुरंत मुआवजा मिले, काम करते समय दुर्घटना में घायल हुए कर्मचारियों को वैद्यकिय आपूर्ति एवं मुआवजा मिले, कोरोना महामारी के इस दौर में अत्यावश्यक व आपातकालीन कर्मचारियों की श्रेणी में इन कर्मचारियों को रख कर 50 लाख का बीमा सुरक्षा कवच मिलना चाहिए. ठेका कर्मचारियों को नागरिकों के रोष से संरक्षण मिले, ठेका कर्मचारियों के वेतन का भुगतान ESCROW ACCOUNT द्वारा किया जाए, न्यूनतम वेतन मे 20% वृद्धि एवं परिपत्र के अनुसार वेतन अनुशेष का भुगतान कर्मचारियों को करें, संविदा कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा एवं कल्याणकारी सुविधाओं का लाभ मिले, अनेक सालों से काम करने वाले ठेका कर्मचारियों को रोजगार की गारंटी मिलनी चाहिए. पत्रकार सम्मेलन में महाराष्ट्र बिजली ठेका कामगार संघ (संलग्न भारतीय मजदूर संघ) के अध्यक्ष निलेश खरात, सरचिटणीस सचिन मेंगाल, कार्याध्यक्ष उमेश आणेराव, संगठन मंत्री राहुल बोडके और कोषाध्यक्ष सागर पवार आदि उपस्थित थे.