सनातन हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को देव तुल्य माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस घर में नित्य प्रतिदिन तुलसी में जल चढ़ाया जाता है और पूजा की जाती है, उस घर में कभी भी दरिद्रता और दुर्भाग्य का वास नहीं होता है। उस घर में सदैव मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। तुलसी पौधे को जल अर्पित करने से घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। वास्तुशास्त्र में भी तुलसी के पौधे को बहुत खास बताया गया है।
सनातन धर्म में पूजा के समय मंत्र जाप का विशेष महत्व होता है। तुलसी पूजन के लिए भी मंत्र बताया गया है। मान्यता है कि, यदि तुलसी पूजन करते समय आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो सारी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। आइए जानें मंत्र और जाप पूजा विधि:
वास्तुशास्त्र के अनुसार, तुलसी की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
“महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।”
मान्यता है कि, इस मंत्र का जाप करने से जीवन की समस्त समस्याओं से छुटकारा मिलता है और मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं। सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके अपने इष्टदेव की पूजा करें। इसके बाद तुलसी जी को प्रणाम करें, और उन्हें शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद तुलसी के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं और धूप जलाएं। तुलसी के सामने दीपक जलाते समय चावल की छोटी सी ढेरी बनाकर उसके ऊपर दीपक रखें। इसके बाद तुलसी जी को श्रृंगार में सिंदूर और हल्दी अर्पित करें। माता तुलसी से सुख- समृद्धि की कामना करते हुए सात परिक्रमा करें। उसके बाद तुलसी के सामने आसन पर बैठकर तुलसी की माला से कम से कम 108 बार यानी एक माला जाप करें। मंत्र जाप पूर्ण हो जाने के बाद तुलसी जी को छूकर अपनी मनोकामना बोलें।
-सीमा कुमारी