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    नई दिल्ली : भारत विविधताओं से सजा हुआ देश है। यहां साल भर मानो त्यौहार की बौछार लगी हुई होती हैं। ऐसे में भाई बहन के प्यार का प्रतीक माने जाने वाला रक्षाबंधन का त्यौहार आने वाला है। भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है।

    रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। इस दिन बहनें भाई की लंबी आयु, सफलता और समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं भाई बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। तो चलिए जानते हैं रक्षाबंधन से जुड़ी इस साल की कुछ खास बातें….. 

     इस साल का रक्षाबंधन कब है ?

    रक्षाबंधन एक हिन्दू त्यौहार है , इसलिए इसे हिन्दू पंचांग के नुसार माना जाता हैं दूसरे धर्म के लोग जो इस त्यौहार को मनाने की इच्छा रखते है वें भी बड़े खुसी के साथ रक्षाबंधन मनाते है। हिंदू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा तिथि 22 अगस्त 2022, दिन रविवार को है।

    ये हैं रक्षा बंधन 2021 शुभ मुहूर्त

    हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 21 अगस्त की शाम 03 बजकर 45 मिनट से शुरू होगी। जो कि 22 अगस्त की शाम 05 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। रक्षा बंधन उदया तिथि में 22 अगस्त को मनाया जाएगा।

    जानें भद्राकाल में क्यों नहीं बांधे राखी 

    ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ होता है। दरअसल शास्त्रों में राहुकाल और भद्रा के समय शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में राखी न बंधवाने की पीछे कारण है कि लंकापति रावण ने अपनी बहन से भद्रा में राखी बंधवाई और एक साल के अंदर उसका विनाश हो गया।

    इसलिए इस समय को छोड़कर ही बहनें अपने भाई के राखी बांधती हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि भद्रा शनि महाराज की बहन है। उन्हें ब्रह्माजी जी ने शाप दिया था कि जो भी व्यक्ति भद्रा में शुभ काम करेगा, उसका परिणाम अशुभ ही होगा। इसके अलावा राहुकाल में भी राखी नहीं बांधी जाती है।