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    -सीमा कुमारी

    ‘रक्षाबंधन’ इस साल  22 अगस्त, रविवार को मनाया जाएगा। भाई- बहन के प्रेम का प्रतीक ‘रक्षाबंधन’। इस साल रक्षाबंधन के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं। बहुत सालों बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि रक्षाबंधन पर ‘भद्रा’ का साया नहीं पड़ेगा। बहनें पूरा दिन राखी बांध सकेंगी। ज्योतिष विज्ञान के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन पर श्रावण पूर्णिमा, धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है।

    पंचांग के अनुसार राखी का त्योहार सावन महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस साल पूर्णिमा की तिथि 21 अगस्त को सांय काल 6.10 से शुरू होकर 22 अगस्त को शाम 5 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। इसके बाद से भाद्रपद की प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो जाएगी। उदया तिथि होने के कारण रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा।

    इस आधार पर इस साल 22 अगस्त को पूरे दिन राखी बांधी जा सकती है। लेकिन, ज्योतिष-गणना के अनुसार इस दिन पड़ रहे ‘शोभन योग’, जो कि सुबह 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा या ‘अभिजित मुहूर्त’ 12:04 से 12:55 का समय राखी बांधने के लिए सबसे शुभ रहेगा।

    भद्रा नक्षत्र और राहु काल की स्थिति

    इस साल राखी के त्योहार की सबसे विशेष बात यही है कि रक्षाबंधन की पूरी तिथि में ‘भद्रा’ नहीं लग रहा है। ‘भद्रा’ में राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता है। लेकिन, काल-गणना के अनुसार इस बार ‘भद्रा काल’ रक्षाबंधन के अगले दिन 23 अगस्त को सुबह 5:34 बजे से 6:12 बजे तक लगेगा। राहु काल 22 अगस्त को शाम 5:14 से 6:49 बजे तक रहेगा। तब तक पूर्णिमा की तिथि लगभग समाप्त हो चुकी होगी। इस लिए इस साल पूरी पूर्णिमा तिथि पर बिना भय के राखी बांधी जा सकती है।