bharat jodo yatra Congress could not make security lapse an issue

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    बीजेपी और कांग्रेस में यही फर्क है कि किसी हाथ आए मुद्दे को बीजेपी तत्परता से उठा लेती है जिससे वह देशभर में चर्चा का विषय बन जाता है. जबकि कांग्रेस ऐसे मामलों में गाफिल रहकर अवसर गंवा देती है. जब पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी की कांग्रेस सरकार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला रोका गया था तब बीजेपी ने इसे सुरक्षा में चूक का इतना बड़ा मुद्दा बना लिया था कि समूचे देश में इसे लेकर चर्चा होने लगी थी.

    ऐसी ही स्थिति राहुल गांधी के साथ कश्मीर में आई लेकिन सुरक्षा में बड़ी चूक के इस मुद्दे को कांग्रेस जनता से नहीं जोड़ पाई. कांग्रेस के दिल्ली व विभिन्न प्रदेशों के नेता इस मामले में उतने आक्रामक नहीं दिखाई दिए जिस तरह पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर बीजेपी के नेता आक्रामक थे.

    मीडिया में जब यह तथ्य सामने आया तो उसके बाद भी कांग्रेस पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से विभिन्न प्रदेशों के नेताओं को कोई सूचना नहीं दी गई जबकि कश्मीर में राहुल गांधी की सुरक्षा पार्टी के हर नेता के लिए चिंता का विषय है. काजीगुंड में प्रदेश के सिर्फ 1 किलोमीटर बाद ही ऐसी गंभीर स्थिति देखी गई. राहुल के सुरक्षा घेरे में कई बाहरी लोग घुस आए इस वजह से यात्रा रोकनी पड़ी. तब राहुल और उमर अब्दुल्ला को गाड़ी में बिठाकर पुलिस अनंतनाग ले गई. राहुल ने कहा कि यात्रा के दौरान पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो गई. टनल से निकलने के बाद पुलिसकर्मी नहीं दिखे.

    कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट किया, ‘भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर में राहुल की सुरक्षा में चूक परेशान करनेवाली है. भारत पहले ही 2 पीएम और कई नेताओं को खो चुका है. हम यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा की मांग करते हैं.’ वास्तव में कश्मीर जैसे अशांत क्षेत्र में यात्रा ले जाना जोखिम भरा काम है जहां आतंकी हमले और टारगेट किलिंग की घटनाएं होती रहती हैं. पुलिस ने कोई चूक नहीं होने का दावा करते हुए सफाई दी कि भारत जोड़ो यात्रा के आयोजकों और जिम्मेदारों ने बनिहाल से यात्रा में शामिल होनेवाली भीड़ के बारे में सूचित नहीं किया और यात्रा के शुरूआती पॉइंट के पास ही बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी.

    आरोप यह भी है कि इस यात्रा की पहली पंक्ति में वे नेता हैं जो संगठन से जुड़े होने के बाद भी कार्यकर्ताओं और नेताओं से दूरी बनाए रखते हैं. अनधिकृत लोग राहुल तक पहुंच गए जबकि यात्रा की सफलता के लिए महीनों से कार्य कर रहे समर्पित कार्यकर्ता उन तक पहुंच नहीं पाए. यात्रा को ऐसे नेता नियंत्रित कर रहे हैं जो अपने बयानों से पार्टी के लिए समस्या उत्पन्न करते आए हैं. राहुल गांधी ने सुरक्षा कर्मियों की गाड़ी में पहुंच कर श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहरा दिया. सोमवार को यह यात्रा पूर्ण हो जाएगी.