राणे के बाद अब सोमैया गिरफ्तार, घबरा क्यों रही है सरकार

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    अपने आलोचकों के प्रति असहिष्णुता यदि केंद्र सरकार में देखी जाती है तो महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार भी इसका अपवाद नहीं है. आलोचना की बारिश से वही डरते हैं जिनके घर मिट्टी के बने हों. वैसे यह तय करना मुश्किल है कि ये घर मिट्टी के हैं या थोड़ी सी आंच लगते ही पिघल जानेवाले मोम के मकान! यदि सरकार और उसके नेताओं का दामन साफ हो तो उन्हें घबराने और विचलित होने की कोई आवश्यकता ही नहीं है. हर कोई जानता है कि सांच को आंच नहीं. सच्चे का बोलबाला और झूठे का मुंह काला! यदि सरकार की भूमिका और कार्यकलाप हर क्षेत्र में पाक-साफ है तो वह अपने आलोचकों से इतनी भयभीत क्यों है?

    बीजेपी मानती है कि महाविकास आघाड़ी एक बेमेल अवसरवादी गठबंधन है जो सत्ता के मीठे फल चखने के लिए स्वार्थ की डोरी से बंधा है. इसके घटक दलों के भ्रष्टाचार में डूबे नेताओं के घोटालों का पर्दाफाश करने के लिए बीजेपी नेता नारायण राणे और किरीट सोमैया कमर कस कर भिड़ गए हैं. कोंकण में अपनी राजनीतिक पैठ रखने वाले केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को आशीर्वाद यात्रा के दौरान गिरफ्तार किया गया था. किसी राज्य की पुलिस द्वारा केंद्रीय मंत्री को हिरासत में लिया जाना अकल्पनीय व अजीब सी घटना थी. 

    स्टेट गवर्नमेंट ने इस तरह केंद्र को अपना पावर दिखा दिया. राणे का कसूर यह था कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को स्वाधीनता प्राप्ति का वर्ष याद न रहने पर कान के नीचे थप्पड़ मारने की बात कही थी. राणे किसी समय शिवसैनिक थे इसलिए उनकी भाषा में भी वैसी ही तल्खी थी. इसे राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया. राणे प्रकरण का पटाक्षेप हुए अधिक दिन नहीं बीते थे कि बीजेपी नेता किरीट सोमैया को कोल्हापुर जाने से पहले सातारा जिले के कराड स्टेशन पर पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर सोमैया को कोल्हापुर जाने की अनुमति नहीं दी.

    सोमैया ने दी पोल, खोलने की धमकी

    किरीट सोमैया ने कहा कि अब वे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की पोल खोलेंगे. वे उद्धव और उनकी पत्नी रश्मि के नाम पर अलीबाग में 19 बंगलों में हुए घोटाले का मुद्दा उठाएंगे तथा 30 सितंबर को अजीत पवार के नाम पर कथित बेनामी शुगर फैक्टरी जरंडेश्वर का दौरा करेंगे. सोमैया ने आरोप लगाया कि एनसीपी नेता अजीत पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हसन मुश्रिफ को बचाने में लगे हैं. 

    मुश्रिफ का गडहिंग्लज में अप्पासाहेब नलवाले शुगर कारखाने से क्या लेना-देना है? उन्होंने कहा कि मैं जल्दी ही मुश्रिफ के तीसरे घोटाले का भी पर्दाफाश करूंगा और उनके खिलाफ ईडी को सारे सबूत उपलब्ध कराऊंगा. घोटाले को लेकर कांग्रेस के 2 नेताओं का नाम भी आया है जिसका पर्दाफाश किया जाएगा. सोमैया ने कहा कि वह जल्दी ही कोल्हापुर के कागल जाएंगे और मंत्री के खिलाफ गड़बड़ियों को लेकर शिकायत दर्ज कराएंगे.

    शिवसेना-एनसीपी में तनातनी

    बीजेपी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया को कोल्हापुर जाने से रोकने की कार्रवाई को लेकर शिवसेना और एनसीपी में तनातनी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री उद्धव ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 3 पार्टियों की सरकार होने की वजह से समन्वय और चर्चा से समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए. अगर अपनी मनमर्जी से फैसले लिए जाते रहे और सरकार पर इसका असर हुआ तो यह खतरनाक होगा. शिवसेना के एक नेता ने कहा कि जिस बात का परिणाम सरकार की स्थिरता पर हो सकता है, उस पर सीएम से चर्चा करके ही आगे बढ़ना चाहिए. 

    सोमैया पर हुई कार्रवाई में ऐसा नहीं हुआ, इसलिए विपक्षियों को सरकार के खिलाफ मसाला मिल गया. एनसीपी व कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि जब केंद्रीय मंत्री राणे पर कार्रवाई की गई तो उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और कांग्रेस नेता बाला थोरात को सूचना नहीं दी गई तथा जब सोमैया पर कार्रवाई हुई तो मुख्यमंत्री को इसकी खबर नहीं थी. उद्धव ने बताया कि सोमैया को रोकने का फैसला उनसे पूछकर नहीं लिया गया. इससे लगता है कि सरकार के घटक दलों में समन्वय की कमी है.