Sanpadkiy

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रोबोट (Robots) की असली उपयोगिता वहां है जहां जोखिम भरा काम हो जैसे गहरी खदानों में उत्खनन, समुद्र तल में किए जाने वाले परीक्षण तथा फै्ट्रिरयों के ऐसे काम जहां मानव के लिए खतरा हो।  रोबोट उन इलाकों में भी भेजे जा सकते हैं जहां भूमिगत सुरंग बिछी हों। वैज्ञानिकों ने रोबोट को विकसित किया और अब तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने उसे इतना सक्षम बना दिया है कि वह इंसान को भी मात देने लगा है। जापान में महिला के समान दिखाई देनेवाला रोबोट टीवी पर न्यूज रीडर है। रोबोट का सर्वाधिक इस्तेमाल चीन में किया जा रहा है। 

दुनिया भर के उद्योगों में काम करने वाले कुल रोबोटों का 52 प्रतिशत चीन में कार्यरत है।  ऑटोमेशन के साथ पिछले एक दशक में चीन की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है।  उद्योगों में इंसान कम, रोबोट ही काम करते नजर आएंगे।  वहां अलग-अलग उद्योगों में काम कर रहे रोबोटों की संख्या का जितना अनुमान लगाया गया था, वह इससे 12। 5 गुना अधिक है।  जिन देशों में आबादी कम है, वहां रोबोट जरूरत की चीज हो सकते हैं लेकिन जहां जनसंख्या ज्यादा है वहा रोबोट से काम लेने से बेरोजगारी और बढ़ती है। 

इंसानों की जगह रोबोट ले रहे हैं इससे चीन में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है।  रोबोट को वेतन, महंगाई भत्ता, ओवरटाइम, वेतनवृद्धि, बोनस वगैरह कुछ भी नहीं देना पड़ता।  उससे कितने ही घंटे कुशलता से काम लिया जा सकता है।  प्रोग्रामिंग के मुताबिक रोबोट अचूक और सही तरीके से काम करता है।  रोबोट सूक्ष्म से लेकर विशाल तक बनाए जाते हैं।  आजकल रोबोटिक सर्जरी की जाने लगी है।  सूक्ष्म रोबोट शरीर के भीतर जाकर आपरेशन करके आ जाता है।  आतंकवादियों को खोज निकालने या खतरनाक मोर्चे पर लड़ने के लिए ऐसे रोबोट बनाए गए है जिनमें कैमरा लगा होता है और जो सैनिक के समान हथियार चलाने में सक्षम होते हैं। 

एलिमिनेटर जैसी कुछ हॉलीवुड फिल्मों में तो आधा मानव और आधा रोबोट जैसे पात्र दर्शाए गए हैं।  ऐसा भी माना जा रहा है कि यदि एआई के जरिए अत्यंत ऊंचे दर्जे के रोबोट बना दिए गए तो वे खुद ही अपने जैसे अनेक रोबोट की फौज बना लेंगे और अपने निर्माता मानव को चुनौती देने लगेंगे।  आगे चलकर कहीं इन रोबोट रूपी मशीनों का इंसान से युद्ध न होने लग जाए! हाल ही में एक खबर आई थी कि एक फैक्टरी में रोबोट ने उसके कार्यक्षेत्र में आए आदमी को मार डाला। 

अब किसी रोबोट पर हत्या का मुकदमा तो चल नहीं सकता।  यह बात हर किसी को समझ लेनी चाहिए कि रोबोट इंसान की सुविधा के लिए हैं।  उन्हें जरूरत से ज्यादा मेधासंपन्न बना देना आत्मघाती हो सकता है।  फ्रैन्केंस्टीन नामक दैत्य की ऐसी ही कथा है जिसने बेकाबू होकर अपने निर्माता वैज्ञानिकों की जान ले ली थी।