रायल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की कप्तान स्मृति मानधना (Smriti Mandhana) और विराट कोहली दोनों ही 18 नंबर की जर्सी पहनते हैं। इसके बावजूद स्मृति का कहना है कि हम दोनों के बीच कोई तुलना करना सही नहीं है। विराट ने जो हासिल किया है, उसका कोई सानी नहीं है। स्मृति के नेतृत्व में आरसीबी ने दिल्ली कैपिटल्स को हराकर दूसरे सत्र में ही पहली बार डब्ल्यूपीएल चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।
इस मुकाबले में 6 ओवर के बाद जब पावर प्ले खत्म हुआ तो प्रतिपक्षी टीम दिल्ली कैपिटल्स का स्कोर बगैर किसी नुकसान के 60 रन था। दिल्ली की मैन लर्निंग और शेफाली वर्मा मैदान के हर कोने में गेंद को हिट करती चलती जा रही थीं तब लग रहा था कि इस साझेदारी को तोड़ पाना मुश्किल है। इसके बाद अगले ओवर में 3 विकेट गिर गए और फिर दिल्ली कैपिटल्स की पूरी टीम 113 रनों पर सिमट गई। आरसीबी के सामने जीतने के लिए 114 रनों का लक्ष्य था।
स्मृति मानधना व अन्य 2 बल्लेबाजों ने विस्फोटक पारी खेली और 98 रन बनाए। टीम की चौथी खिलाड़ी रिचा घोष के 17 रनों के योगदान से आरसीबी जीत गई। स्मृति ने शानदार फील्डिंग की। जब स्मृति ने बल्लेबाजी की तो पूरी तरह आक्रामक अंदाज में थी। उन्होंने 39 गेंद में 31 रन की पारी खेली। उनकी टीम आरसीबी ने 19। 3 ओवर में 2 विकेट पर 115 रन बनाकर खिताब जीत लिया। जब जीत निकट आने लगी तो स्मृति मानधना धोनी के समान कैप्टन कूल नजर आने लगीं। उन्होंने अपनी भावनाओं का सही संतुलन बनाए रखा।
आरसीबी के लिए महिला (डब्ल्यूपीएल) और पुरुष फ्रेंचाइसी क्रिकेट (इंडियन प्रीमियर लीग) में यह पहला खिताब है। खास बात यह है कि आरसीबी की पुरुष टीम पिछले 16 वर्षों में आईपीएल का खिताब जीत पाने में नाकाम रही लेकिन स्मृति मानधना के नेतृत्व में आरसीबी डब्ल्यूपीएल के दूसरे ही सत्र में चैम्पियन बन गई। यह मुकाबला काफी जोशीला रहा। शेफाली वर्मा और रिचा घोष ने पावरफुल सिक्सर लगाए जो स्टैंड में दर्शकों तक पहुंचे। श्रेयांका पाटिल की आफ स्पिन गेंदबाजी प्रभावशाली रही।