रोज 400 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि चिंताजनक

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    देश में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में 350 से 400 लोगों की मौत होती है, फिर भी वाहन चालकों और यात्रियों की सुरक्षा को सरकार प्राथमिकता नहीं देती. गत सप्ताह ‘दि रोड एक्सीडेंट्स इन इंडिया-2020’ रिपोर्ट जारी हुई जिसमें कहा गया कि 2020 में हुई सड़क दुर्घटनाओं में मृत लोगों में से 87 प्रतिशत 18 से 60 वर्ष की आयु के थे. लगभग 70 फीसदी दुर्घटनाएं अधिक स्पीड से गाड़ी चलाने की वजह से हुईं. 5.6 प्रतिशत दुर्घटनाएं रांग साइड वाहन चलाने से हुईं.

    कोरोना के दौरान लॉकडाउन लगा होने से 2019 की तुलना में 2020 में दुर्घटनाएं कम हुईं. साफ मौसम में भी 67 प्रतिशत सड़क हादसे हुए. बहुत से ड्राइवर अपनी लेन में नहीं चलते और बायीं ओर से ओवरटेक करते हैं. खराब, गड्ढेवाली ऊबड़-खाबड़ सड़कें भी दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्हें आए दिन विभिन्न विभाग खोदा करते हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय ने सड़क सुरक्षा को लेकर कुछ गाइडलाइन दी हैं. यात्री वाहनों में अब 6 एयर बैग रहेंगे. मोटरसाइकिलों में कम्बाइंड ब्रेकिंग सिस्टम रहेगा.

    जिन स्थानों व खतरनाक मोड़ पर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है, वहां विशेष सावधानी जरूरी होगी. आश्चर्य है कि शहरों में भी लोग अपर लाइट जलाकर गाड़ी चलाते हैं, जिससे सामने वाले की आंखें चौंधिया जाती हैं और उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता. गाड़ियां या तो डिपर पर चलाएं अथवा उनकी लाइट का ऊपरी आधा भाग काला कर दिया जाए.

    सिग्नल तोड़ना या बिना संकेत दिए अचानक टर्न लेना भी दुर्घटना की वजह बनता है. जब लोग लंबी दूरी की यात्रा करते हैं तो देखना चाहिए कि ड्राइवर थका हुआ न हो. उसे झपकी लगी तो दुर्घटना होते देर नहीं लगती. लोग शहरों में कम उम्र के बच्चों को हाई पॉवर गाड़ियां दे देते हैं, उनकी असावधानी जानलेवा साबित होती है.